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रविवार की छुट्टी कब से प्रारंभ हुई थी, जानें इसका इतिहास

रविवार आते ही हमलोगों को एक खुशनुमा अहसास होता है। लगातार काम के बाद रविवार की छुट्टी का हमें बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि रविवार की छुट्टी कब से प्रारंभ हुई थी। रविवार को ही छुट्टी का दिन क्यों चुना गया था? आइए जानते हैं संडे की छुट्टी को लेकर प्रचलित कहानियां।

अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संस्था ISO के अनुसार, रविवार का दिन सप्ताह का पहला दिन माना जाएगा। इस दिन कॉमन छुट्टी रहती है। इस बात को 1986 में मान्यता दी गई थी। लेकिन इससे पहले 1843 में ब्रिटिश गवर्नर जनरल ने सबसे पहले इस आदेश को पारित किया था। ब्रिटेन में सबसे पहले स्कूल के बच्चों के लिए रविवार को छुट्टी देने का प्रस्ताव लाया गया था। इसके पीछे कारण दिया गया था कि इस दिन बच्चें अपने घर पर रहकर कुछ क्रिएटिव काम कर सकते हैं।

भारत में रविवार की छुट्टी कब प्रारंभ हुई?

अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में एक बहुत बड़ा मजदूर वर्ग सप्ताह के सातों दिन काम करते थे। इससे मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही थी। उन्हें खाने के लिए भी लंच का समय नहीं दिया जाता था।

इसके बाद मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने 1857 में मजदूरों के लिए उसके हक में यह आवाज उठाई थी। उन्होंने तर्क दिया था कि सप्ताह में एक दिन ऐसा होना चाहिए, जिस दिन मजदूर आराम कर सके और खुद को वक्त दे सके।

माना जाता है कि मेघाजी लोखंडे के इसी प्रयास के कारण 10 जून, 1890 को अंग्रेजी हुकूमत को रविवार के दिन सबके लिए छुट्टी घोषित करनी पड़ी। रविवार को छुट्टी को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं। हिंदू धर्म के अनुसार, सप्ताह की शुरुआत सूर्य के दिन रविवार से मानी जाती है।

मुस्लिम देशों में होती है शुक्रवार की छुट्टी

हालांकि ज्यादातर देशों में रविवार की छुट्टी होती है लेकिन कई मुस्लिम देशों में शुक्रवार को छुट्टी दी जाती है। इसका कारण इबादत का दिन माना जाता है। मुस्लिम देशों में शुक्रवार को इबादत का दिन माना जाता है।

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