Jharkhand: रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को मिली जमानत, रामगढ़ मामले पर 31 मार्च को होगी सुनवाई

रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। गोला गोलीकांड के दो अलग-अलग मामलों में सजा को चुनौती देने वाली अफील पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। हजारीबाग मामले पर उन्हें जमानत मिली है अभी रामगढ़ केस पर 31 मार्च को सुनवाई होगी। पूर्व विधायक ममता देवी को रामगढ़ सिविल कोर्ट और हजारीबाग सिविल कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई है। जबतक रामगढ़ वाले मामले पर फैसला नहीं आ जाता तबतक ममता देवी अभी जेल में रहेंगी।
कोर्ट ने किस- किस को माना दोषी
8 दिसंबर को ही विधायक ममता देवी समेत 13 लोगों को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कुमार पवन की अदालत ने दोषी करार दिया था। इसके बाद सभी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेपी केंद्रीय कारा भेज दिया गया था और सजा के बिंदु पर 12 दिसंबर की तिथि निर्धारित की थी। इन लोगों में गोला गोलीकांड में दोषी करार ममता देवी, राजीव जायसवाल, कुंवर महतो, दिलदार अंसारी, जागेश्वर भगत, यदु महतो, मनोज पुजहर, कोलेश्वर महतो, लाल बहादुर महतो, बासुदेव प्रसाद, आदिल इनामी, अभिषेक कुमार सोनी और सुभाष महतो के खिलाफ सजा के बिंदु पर फैसला सुनाया जाएगा।
पूरा घटनाक्रम समझिए कब क्या हुआ था, कैसे चली थी गोली
29 अगस्त 2016 को नागरिक चेतना मंच और आईपीएल प्लांट प्रबंधन के बीच पुनर्वास और नौकरी की मांग पर आंदोलनकारी ग्रामीण, प्रबंधन और प्रशासन के बीच गोला अंचल कार्यालय में वार्ता हो रही थी। लेकिन राजीव जायसवाल, और तात्कालीन पार्षद ममता देवी के नेतृत्व में विस्थापित ग्रामीण फैक्टरी गेट तक पहुंचे और यहीं वार्ता की मांग करने लगे। यहां पर पहले से तैनात पुलिसबल ने सभी को वहां से जबरन हटा दिया। इससे नाराज विस्थापित सेनेगढ़ा नदी चले गए। वहां पर विस्थापितों ने फैक्टरी में पानी सप्लाई के लिए लगाई गई पाइपलाइन में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
दोनों पक्षों से करीब 43 लोग हुए थे घायल
इसी दौरान पुलिस भी वहां पर पहुंची। पुलिस को देखते ही तनाव की स्थिति बन गई। इसके बाद नदी के दोनों तरफ से ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि विस्थापितों की ओर से गोलीबारी की गई। जबकि आंदोलनकारियों का कहना है कि पुलिस ने विस्थापितों पर गोली चला दी। फायरिंग में दशरथ नायक (50) और रामलखन महतो उर्फ फुतू महतो (40) की मौत हो गई। दोनों पक्षों से करीब 43 लोग घायल हुए थे। सुरक्षा में बतौर मजिस्ट्रेट तैनात सीओ, बीडीओ और थानेदार सहित अन्य जवानों को भी चोटें आयी थी।
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