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ईरान-इजराइल युद्ध के 12 दिन बाद सीजफायर, इजराइली हमलों में मारे गए 14 परमाणु वैज्ञानिक

  • इजराइली हमलों में 14 ईरानी वैज्ञानिक मारे गए.
  • 12 दिन बाद ईरान-इजराइल युद्ध में सीजफायर हुआ.
  • सैन्य बल से परमाणु प्रगति नहीं रोकी जा सकती.

Israel Iran War : ईरान-इजराइल के बीच 12 दिन चले युद्ध के बाद सीजफायर हो गया है. युद्ध में दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ है. इजराइल के हमलों में ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिकों की मौत भी हुई है.

इजराइल और ईरान के बीच युद्ध अब रूक गया है. दोनों ही देश मंगलवार से लागू हुए सीजफायर का पालन कर रहे हैं. इस युद्ध में दोनों देशों को काफी क्षति हुई है. इजराइली हमलों में ईरान के नुकसान का आकलन किया जाए तो सबसे बड़ा नुकसान उसके कम से कम 14 परमाणु वैज्ञानिकों का मारा जाना है. इन्हीं वैज्ञानिकों की देख रेख में ईरान का परमाणु कार्यक्रम आगे बढ़ रहा था. विशेषज्ञों का कहना है कि युद्ध से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भले ही कुछ समय के लिए धक्का लगा हो लेकिन उसे रोक पाना आसान नहीं होगा.

इजराइली हमलों में 14 भौतिकविदों और परमाणु इंजीनियरों की मौत

वहीं फ्रांस में इजराइल के राजदूत जोशुआ जर्का ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि वैज्ञानिकों की मौत और हमलों में बचे परमाणु ढांचों से ईरान के लिए हथियार बनाना लगभग असंभव होगा. उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ साल नहीं बल्कि कई सालों के लिए रूक गया है. हालांकि, परमाणु विश्लेषकों का यह भी कहना है कि ईरान के पास और वैज्ञानिक हैं जो उनका स्थान ले सकते हैं. वैज्ञानिकों की मौत पर बात करें तो इनमें रसायनशास्त्री, भौतिकशास्त्री, इंजीनियर शामिल हैं. जर्का ने ‘एपी’ को बताया कि इजराइली हमलों में 14 भौतिकविदों और परमाणु इंजीनियरों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि मारे गए लोग ईरान के बड़े वैज्ञानिक थे और परमाणु कार्यक्रम के पीछे उनका ही दिमाग था.

इस कार्यक्रम को फिर से खड़ा कर लिया जाएगा

अमेरिकी विशेषज्ञ और पूर्व राजनयिक मार्क फिट्जपैट्रिक ने कहा कि परमाणु कार्यक्रम की रूपरेखा तो आसपास मौजूद ही रहेगी तथा पीएचडी करने वालों की नई पीढ़ी इसका प्रयोग करने में पूरी तरह से सक्षम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि परमाणु केंद्रों पर बमबारी करना या कुछ लोगों को मारने से इस परमाणु कार्यक्रम को कुछ समय के लिए पीछे कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यदि दोनों काम एक साथ किए जाते हैं तो ये कुछ और पीछे चला जाएगा, लेकिन इस कार्यक्रम को फिर से खड़ा कर लिया जाएगा.

परमाणु प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति को खत्म नहीं किया जा सकता

यूरोपीय देशों की सरकारों का कहना है कि केवल सैन्य बल से ईरान की परमाणु प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति को खत्म नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि वो ईरानी कार्यक्रम के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए बातचीत के माध्यम समाधान चाहते हैं. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने “हाउस ऑफ कॉमन्स” में कहा कि हमले के जरिए ईरान ने जिन तकनीकी जानकारियों को दशकों में हासिल किया है, उन्हें मिटाया नहीं जा सकता. साथ ही उन जानकारियों के आधार पर परमाणु हथियार बनाने की किसी भी सरकार की मंशा को खत्म नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें : बैलिस्टिक मिसाइल हमले में आठ इजरायलियों की मौत, इजराइल के बेर्शेबा में आग और धुएं का मंजर

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