
अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (Appellate Authority for Advance Ruling ) ने कहा है कि ट्रेनों या रेलवे प्लेटफॉर्म पर सर्व किए जाने वाले फूड पर समान जीएसटी (GST on Train Food) लगेगा। अब इसको लेकर चल रहा विवाद खत्म होगा क्योंकि एएएआर ने बता दिया है कि ट्रेन या रेलवे प्लेटफॉर्म पर सर्व किए जाने वाले खाने पीने के सामान पर अब 5 फीसदी सेम रेट से जीएसटी लगाया जाएगा। इसके अलावा ट्रेनों में समाचार पत्रों की सप्लाई पर गुड्स और सर्विस टैक्स नहीं लगेगा।
AAAR की तरफ से मल्लिका आर्य और अंकुर गर्ग की दो सदस्यीय पीठ ने इस फैसले को दिया है और कहा है कि ट्रेन ट्रांसपोरटेशन का एक मीडियम है इसलिए इसे रेस्टोरेंट, मेस या कैंटीन नहीं कहा जा सकता। लिहाजा इस पर उनकी लगने वाली दरों को लागू भी नहीं किया जा सकता है. एएआर ने फैसला सुनाया कि एक मेनू पर फूड एंड ड्रिंक प्रोडक्ट (पका हुआ / एमआरपी / पैक) की सप्लाई के मामले में और आईआरसीटीसी की ओर से आईआरसीटीसी व यात्रियों को टैरिफ के रूप में राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में क्लासिफाइड किया जाता है।
इसके अलावा एएआर ने कहा था कि यात्रियों को सीधे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में भोजन और पेय पदार्थों की सप्लाई में सर्विस का एक तत्व शामिल नहीं है, इसे गुड्स की शुद्ध आपूर्ति के रूप में माना जाएगा और जीएसटी लगाया जाएगा। व्यक्तिगत वस्तुओं पर उन पर लागू दरों के हिसाब से जीएसटी लगाया जाएगा।