
उत्तर प्रदेश: गोंडा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने देर रात को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय परसपुर का निरीक्षण किया। डीएम के देर रात को कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय पहुंचने पर विद्यालय प्रशासन में हड़कंप में मच गया। निरीक्षण के दौरान डीएम के सामने बड़ी लापरवाही आई। दरअसल, 100 छात्राओं में से महज 11 छात्राएं ही विद्यालय में उपस्थित थीं। वहीं 89 छात्राएं बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाई गईं। शिक्षकों व कर्मचारियों की ओर से अपनी जिम्मेदारी के प्रति घोर लापरवाही मिलने पर डीएम ने सख्त नाराजगी जताई। नाराज डीएम के आदेश पर वार्डन, पूर्णकालिक शिक्षक और 2 गेटमैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
यह है पूरा मामला
सोमवार यानी (21 अगस्त) को देर शाम तकरीबन 9 बजे जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय परसपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया विद्यालय में 100 के अपेक्षा केवल 11 छात्राएं ही उपस्थित थीं। जब डीएम ने वार्डन से अन्य छात्राओं के बारे में वार्डन से जानकारी ली तो वार्डन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया।
डीएम ने आवागमन रजिस्टर चेक किया तो उसमें छात्राओं के आवागमन का विवरण भी नहीं मिला। निरीक्षण के समय अन्य स्टाफ पीआरडी जवान व चौकीदार भी विद्यालय में उपस्थित नहीं मिले। पीआरडी जवान एवं चौकीदार के पास गेट पर किसी भी प्रकार का आवागमन रजिस्टर नहीं मिला। निरीक्षण के दौरान पता चला कि वार्डन द्वारा 17 अगस्त से कक्षा सात एवं आठ की छात्राओं की उपस्थिति दर्ज नहीं की गयी है।
वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति भेजकर धनराशि का भुगतान कराया जा रहा था। विद्यालय में हो रही इस घोर अनियमितता को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए ने वार्डेन सरिता सिंह वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषमा पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह एवं पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है।
(गोंडा से राशिद खान की रिपोर्ट)
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