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फ़्रांसीसी राष्ट्रपति भवन में यहूदी धार्मिक उत्सव मनाने पर अपने ही देश में घिरे मैक्रों

अपने आधिकारिक आवास, एलिसी पैलेस (Elisi Palace) पर एक यहूदी कार्यक्रम (Yahudi Function) में शामिल होने पर फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emanuel Macro) पर फ़्रांसीसी गणतंत्र (French Republic) के सेक्युलर विचारों (Secular Views) से विश्वासघात के आरोप लग रहे हैं.

राष्ट्रपति मैक्रों ने फ़्रांस के प्रमुख रब्बी हाएम कोर्सिया को एक यहूदी प्रकाश पर्व ‘हानुका’ के मौके पर दीप प्रवज्जवलन के लिए आमंत्रित किया था.

French President: एलिसी में धर्म के लिए नहीं है कोई जगह !

ऑक्सीटन प्रांत के सोसशलिस्ट प्रमुख कैरोल डेल्गा ने कहा कि ‘एलिसी में धर्म की कोई जगह नहीं है और धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए, जोकि 1905 से ही फ़्रांसीसी क़ानूनों द्वारा संरक्षित है.’

हालांकि मैक्रों ने अपना बचाव करते हुए कहा है कि ‘उन्होंने कोई धार्मिक गतिविधि नहीं की है.’

यह कार्यक्रम मैक्रों की यहूदीवाद-विरोध (एंटीसेमिटिज़्म) के ख़िलाफ़ कोशिशों के रूप में दिखाने की कोशिश थी, लेकिन इससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. प्रमुख दक्षिण पंथी नेता डेविड लिसनार्ड, जोकि केंस के मेयर भी हैं, उन्होंने कहा, “जहां तक मुझे पता है, ऐसा पहली बार हुआ है. यह धर्मनिरपेक्षता उल्लंघन है.”

कैरोल डेल्गा ने पूछा कि क्या मैक्रों अन्य धर्मों को लेकर भी ऐसा करेंगे? यहां तक कि कुछ यूरोपीय यहूदियों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई है.

गाज़ा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं और इसी सिलसिले में उन्होंने ग़ाज़ा में मारे जा रहे बच्चों और महिलाओं को लेकर बयान भी दिए थे.

सात अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के हमले के तुरंत बाद मैक्रों ने इजरायल का दौरा किया था और हमास के ख़िलाफ़ एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का प्रस्ताव भी दिया था.

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