
Delhi : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद संजय सिंह और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने रविवार को मद्रासी कैंप के झुग्गीवालों से मुलाकात कर उनका दुःख दर्द साझा किया और उनके हक की लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक लड़ने का आश्वासन दिया। झुग्गियों को बचाने को लेकर संजय सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि जहां झुग्गी-वहीं मकान देंगे। झुग्गीवालों को कार्ड बांटे गए, लेकिन अब भाजपा सरकार झुग्गियां तोड़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि ‘‘आप’’ झुग्गीवालों के साथ खड़ी है। झुग्गीवासियों को भाजपा के खिलाफ लामबंद होना होगा। मोदी जी बिहार चुनावी रैली करने जा रहे हैं। उस दिन ‘‘आप’’ भाजपा के खिलाफ पटना में प्रदर्शन करेगी। दिल्ली से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को भगा रही भाजपा को बिहार की जनता बिहार से भगाएंगे।
मद्रासी कैंप का दौरा करने के दौरान संजय सिंह ने कहा कि शनिवार को हम वजीरपुर गए थे। वहां हमने देखा कि उत्तर प्रदेश, बिहार समेत पूर्वांचल के लोगों का घर किस तरह भाजपा के बुलडोजर ने कुचल कर बर्बाद कर दिया है। यही हाल मद्रासी कैंप का कर दिया गया है। बिहार से लेकर मद्रास तक दिल्ली में रह कर मेहनत-मजदूरी करने और ठेला लगाने वाले गरीब लोग भाजपा की आंखों की किरकिरी बन गए हैं। भाजपा इन गरीबों को खत्म कर देना चाहती है। इसीलिए भाजपा उसका घर, रोजगार, दुकान समेत सारे प्रतिष्ठान को खत्म करना चाहती है।
संजय सिंह ने कहा कि मद्रासी कैंप में 50 साल से लोग रह रहे हैं, लेकिन भाजपा ने बुलडोजर चलाकर पूरी बस्ती को जमींदोज कर दिया। भाजपा के मन में जरा सी भी दया नहीं थी। भाजपा ने जहां झुग्गी-वहीं मकान के कार्ड बांटे हैं। जहां झुग्गी-वहीं मकान देने की गारंटी मोदी जी ने दी थी। उन्होंने कहा था कि जहां झुग्गी होगी, वहां मकान बनाकर देंगे। मोदी जी को इन गरीब लोगों को मकान देना चाहिए। हमारी मांग है कि मद्रासी कैंप के सभी लोगों को यहीं मकान बनाकर दिया जाए और जिनके घर तोड़े गए, उन्हें मुआवजा दिया जाए।
संजय सिंह ने कहा कि संसद का सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। संसद में विपक्ष बहुत मजबूती के साथ झुग्गीवालों का मुद्दा उठाएगा। संसद के अंदर “आप” के सांसद विपक्ष की पार्टियों के सांसदों के साथ मिलकर यह मुद्दा उठाएंगे। दिल्ली के जितने भी झुग्गीवाले हैं, उनके हक की लड़ाई सौरभ भारद्वाज, संजीव झा, अखिलेश पति त्रिपाठी, प्रवीण, सारिका चौधरी सहित पूरी आम आदमी पार्टी पहले से लड़ रही है। सभी झुग्गीवालों को लामबंद होना होगा। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर गलती से भी भाजपा सत्ता में आ गई, तो गरीबों की झुग्गियां तोड़ देगी और वही काम भाजपा कर रही है।
संजय सिंह ने कहा कि हम झुग्गियां तोड़ने के खिलाफ सड़क पर भी लड़ाई लड़ेंगे और संसद में भी लड़ाई लड़ेंगे। भाजपा के गरीब विरोधी चेहरे को बेनकाब करेंगे। हम झुग्गीवालों के हक और अधिकारों के लिए लड़ेंगे। भाजपा ने इनका मंदिर भी तोड़ दिया। इनके घर तोड़ दिए। यहां रहने वाली बहुत सारी महिलाएं मेहनत-मजदूरी करती हैं, कई सारे लोग ठेला लगाते हैं। इनका सब कुछ बर्बाद कर दिया गया। भाजपा रिश्वत लेकर, भ्रष्टाचार करके, करोड़ों की डील करके यह जमीनें अपने दोस्तों, बड़े-बड़े पूंजीपति व्यापारियों को देना चाहती है। इस मंशा के साथ यह जमीनें खाली कराई जा रही हैं और इनके घर तोड़े जा रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा कि इसका हिसाब बिहार में भी लिया जाएगा। हम लोग अपने इन भाइयों के साथ पटना में भी धरना लगाएंगे और एक ही नारा देंगे कि जिन लोगों ने दिल्ली से बिहारियों को भगाया है, उस भाजपा को बिहार से बिहारी लोग भगाएंगे। “आप” बिहारी भाइयों के साथ वहां बैठेगी और बताएगी कि दिल्ली में भाजपा बिहारियों के साथ किस तरीके से अन्याय कर रही है। हम इनको छोड़ने वाले नहीं हैं। अगर ये सोच रहे हैं कि जो चाहेंगे, वो करेंगे और गरीबों के ऊपर बुलडोजर चलाएंगे, तो यह चलने वाला नहीं है।
इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार आई है, हर रोज कहीं न कहीं बुलडोजर चलाए जाने की खबरें आ रहीं हैं। दिल्ली में जगह-जगह गरीबों की बस्तियों को उजाड़ा जा रहा है। वजीरपुर कैंप में भी बुलडोजर चलाकर गरीबों को बेघर कर दिया गया। मद्रासी कैंप 70 साल पुराना है, हमारे दादा के जमाने से लोग यहां रह रहे थे। फिर भी, भाजपा सरकार ने इन लोगों को बेरहमी से उजाड़ दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने इन झुग्गीवासियों के बीच जाकर बड़े-बड़े वादे किए। भाजपा के प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह ने एक-एक व्यक्ति को 2,100 और 21,000 के कार्ड बांटे और वादा किया कि “जहां झुग्गी, वहां मकान” योजना के तहत हर झुग्गीवाले को पक्का घर मिलेगा। लेकिन चुनाव जीतने के बाद भाजपा का कोई नेता इन बस्तियों में झांकने नहीं आया। भाजपा ने इन गरीबों को बड़ा धोखा दिया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब इन झुग्गियों को उजाड़ा गया, तब वहां पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। भाजपा के किसी नेता, विधायक, सांसद या मुख्यमंत्री ने इन गरीबों की सुध नहीं ली। भाजपा के नेता अब इन बस्तियों में दिखाई नहीं दे रहे। लेकिन आम आदमी पार्टी इन गरीबों के साथ खड़ी है। “आप” इनकी लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ेगी। पार्टी हर झुग्गी में जाएगी, लोगों को एकजुट करेगी और उन्हें बताएगी कि अगर वे संगठित नहीं हुए, तो भाजपा धीरे-धीरे सबका यही हश्र कर देगी।
सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर कहा कि आम आदमी पार्टी झुग्गीवालों के हक़ की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी। भाजपा ने ‘जहां झुग्गी-वहां मकान’ देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आते ही बुलडोज़र चला कर गरीबों को बेघर कर दिया। मद्रासी कैंप की झुग्गियाँ तोड़कर सैकड़ों परिवारों को बर्बाद किया गया। आज राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ झुग्गीवासियों से मुलाक़ात कर उनका दुख साझा किया। ‘‘आप’’ उनके साथ मज़बूती से खड़ी है।
‘‘आप’’ सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी
सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में तोड़ी जा रही झुग्गियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि जंगपुरा के मद्रासी कैंप के निवासी, जो पांच-छह दशकों से इन बस्तियों में रह रहे हैं, उन्हें शहरी विकास के नाम पर बेरहमी से उजाड़ा जा रहा है। पूरी बस्तियां तोड़ी जा रही हैं, परिवार बेघर हो रहे हैं और जिंदगियां उखड़ रही हैं, जबकि भाजपा सरकार ने इन लोगों से जहां झुग्गी वहां मकान देने के वादे किए थे और अब वही सरकार मुकर रही है।
संजय सिंह ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले स्वयं प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं ने लोगों के सामने खड़े होकर “जहां झुग्गी, वहां मकान” का नारा देकर इन झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को घर देने का वादा किया था। गारंटी कार्ड बांटे गए, जिसने हजारों मेहनतकश परिवारों की उम्मीदें जगाईं, जो इस शहर को चलाने वाले घरेलू कामगार, मजदूर और जरूरी कर्मचारी हैं।
संजय सिंह ने कहा कि लेकिन ये हकीकत भाजपा सरकार के वादों की पोल खोलती है। मद्रासी कैंप में बिना नोटिस के बुलडोजर घुस आए। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग अपनी जान बचाने के लिए भागे और उनके पास कुछ नहीं बचा। दशकों में बनाए गए घर मिनटों में मलबे में तब्दील हो गए। ना तो पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई, ना रीलोकेशन का इंतजाम, ना ही कोई इंसानियत दिखाई गई।
संजय सिंह ने कहा कि इन निवासियों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी हैं, जिनमें मद्रासी कैंप ही उनका आधिकारिक पता है। उनकी आजीविका, बच्चों के स्कूल और पूरा समाजिक तानाबाना यहीं पर है। वहां से 40 किलोमीटर दूर नरेला में वैकल्पिक आवास का तथाकथित ऑफर अव्यवहारिक है क्योंकि यह लोगों को उनकी आजीविका, शिक्षा और सामाजिक तानेबाने से अलग कर देगा।
भाजपा सरकार जवाब दे-
- क्या सरकार को उन लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए, जिनकी रक्षा का वादा खुद उसने ही किया हो?
- क्या गारंटी कार्ड सिर्फ चुनावी जुमले थे?
- यह कैसा विकास है जो जिंदगियां बेहतर करने की बजाय उन्हें तबाह करता है?
संजय सिंह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से इस गंभीर स्थिति का तत्काल और व्यक्तिगत संज्ञान लेने और बिना देरी के कार्रवाई करने की अपील करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी से मांग-
1- झुग्गी क्षेत्रों में सभी तोड़फोड़ पर तुरंत रोक लगाई जाए।
2- सभी विस्थापित परिवारों का तत्काल पुनर्वास उसी स्थान पर किया जाए जैसा कि “जहां झुग्गी, वहां मकान” के तहत वादा किया गया था।
संजय सिंह ने दिल्ली से निकाले जा रहे पूर्वांचलियों को लेकर भी पीएम को लिखी चिट्ठी
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक अन्य पत्र में कहा है कि मैं इस देश का एक जागरूक नागरिक और देश की संसद का सदस्य होने के नाते अत्यंत वेदना और असहायता की भावना के साथ यह पत्र उनको संबोधित कर रहा हूं। बीते कुछ महीनों से दिल्ली की अनेक बस्तियों में, जिनमें मद्रासी कैंप, बस्ती निजामुद्दीन, बटला हाउस, आजादपुर मंडी और ओखला क्षेत्र की बस्तियां शामिल हैं, लगातार तोड़फोड़ की जा रही है, जिससे हजारों परिवारों का जीवन संकट में पड़ गया है।
संजय सिंह ने कहा कि ये वे लोग हैं जो इस देश के आर्थिक ताने-बाने के मौन स्तंभ हैं – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और छत्तीसगढ़ से आए श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, घरेलू सहायिकाएं, छोटे दुकानदार, जो दिल्ली की सड़कों से लेकर सोसाइटियों तक की रचना में वर्षों से जुटे हैं। वे लोग यहां कोई अपराध करने नहीं आए थे। वे आए थे बस एक सपना लेकर – दो वक्त की रोटी, बच्चों के लिए एक अदद स्कूल और परिवार के लिए थोड़ी सी गरिमा। अब उनसे वह सपना भी छीन लिया जा रहा है।
संजय सिंह ने कहा है कि दिल्ली वह शहर है, जहां देश का हर कोना अपने भविष्य की तलाश में आता है। खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से आए श्रमिकों ने इस शहर को अपने खून-पसीने से सींचा है। उन्होंने इसकी सड़कें बनाईं, भवन खड़े किए, इसकी अर्थव्यवस्था को गति दी। और अब जब वही श्रमिक झुग्गियों में रहते हैं, तो उन्हें “अवैध” कहकर हटा दिया जाता है – बिना नोटिस, बिना पुनर्वास, बिना मानवीय सहानुभूति के।
संजय सिंह ने कहा है कि आज जरूरत विकास की नहीं, समावेशी विकास की है। ऐसे विकास की, जो सड़कों को तो चौड़ा करे, पर लोगों के घरों को न कुचले। जो महानगर को सजाए, पर उसकी आत्मा को न उजाड़े। आज सवाल यह है कि जो लोग दिल्ली में एक अदद छत के लिए आए थे, अब वे कहां जाएंगे? क्या वे सड़कों पर, पुलों के नीचे या रेलवे ट्रैकों के किनारे अपने बच्चों के साथ जीवन बताएं? क्या उन्हें नागरिकता का अधिकार सिर्फ चुनावों तक सीमित है?
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी सरकार और भाजपा द्वारा विगत वर्षों में घोषणाएं की गई थीं, जो इन बस्तीवासियों को आश्वस्त करती थीं।
- वर्ष 2022 में दिल्ली नगर निगम चुनावों के दौरान भाजपा ने “जहां झुग्गी, वहां मकान” योजना के अंतर्गत 17,000 फ्लैट्स उपलब्ध कराने का वचन दिया था।
- वर्ष 2025 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 3.5 लाख पक्के घर बनाने का वादा दोहराया, साथ ही 5 रुपये में भोजन (अटल कैंटीन), मुफ्त बिजली, सामुदायिक शौचालय, जल एटीएम और महिला सहायता योजनाएं जारी रखने का आश्वासन भी दिया।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं “झुग्गी बस्ती प्रधान सम्मेलन” में यह वादा किया था कि हर बस्तीवासी को मकान मिलेगा और कोई भी योजना रोकी नहीं जाएगी।
संजय सिंह ने कहा है कि किन्तु वर्तमान स्थिति इन वादों के विपरीत है। तथ्य यह है कि आज भी लाखों झुग्गीवासियों को मकान नहीं मिला है और 2025 तक केवल 4700 घर ही वितरित किए जा सके हैं। इससे साफ प्रतीत होता है कि घोषित योजनाएं जमीन पर लागू नहीं हो पा रही हैं और उल्टा बुलडोजर की नीति अपनाई जा रही है। क्या यूपी-बिहार से आए वे श्रमिक इस देश के नागरिक नहीं हैं? क्या संविधान द्वारा प्रदत्त अनुच्छेद 21, जीवन और गरिमा का अधिकार, केवल नगरों के धनी नागरिकों के लिए है?
संजय सिंह ने कहा है कि गरीबों की बस्तियों को तोड़ते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि सपनों की दिल्ली में, अगर गरीब का ही सपना टूट जाए, तो दिल्ली शहर नहीं, सिर्फ इमारतों का जंगल रह जाता है। इस समय गरीबों की ओर आपकी एक नजर, एक करुण निर्णय – लाखों गरीब परिवारों के जीवन में आशा, आत्मसम्मान और सुरक्षा लौटा सकता है। मानवता दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है और देश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री से उम्मीद है कि वह इसी मानवता के धर्म को सबसे आगे रखेंगे। इन गरीबों की जिंदगियों को उजड़ने से रोकिए। इन झुग्गियों को बचाइए और जहां झुग्गियां हैं, वहां लोगों को मकान बनाकर दिलाने की कृपा करें।
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