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कांवड़ समितियों को सीधे आर्थिक मदद देगी दिल्ली सरकार: ₹50 हजार से ₹10 लाख तक की ग्रांट

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय, हर समिति को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, टेंडर सिस्टम समाप्त

दिल्ली सरकार ने सावन महीने के दौरान कांवड़ यात्रियों की सेवा करने वाली समितियों को सीधे सशक्त करने की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए, जिनमें सीधी आर्थिक सहायता, फ्री बिजली, सिंगल विंडो व्यवस्था, और मानकीकृत शिविर सुविधाएं शामिल हैं।


मुख्य फैसले एक नज़र में

  • कांवड़ समितियों को ₹50,000 से ₹10 लाख तक की सीधी आर्थिक मदद (DBT के माध्यम से)
  • हर समिति को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली
  • टेंडर सिस्टम खत्म, सिंगल विंडो से 72 घंटे में NOC और अनुमति
  • मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति का गठन किया जाएगा
  • शिविर संचालन के लिए मानक सुविधाएं अनिवार्य
  • कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा की अध्यक्षता में शिविरों की सूची तय करने के लिए मंत्री समूह
  • सिविल डिफेंस और होमगार्ड की तैनाती शिविरों में
  • शिविर संचालन की निगरानी के लिए जियो-टैग सत्यापन और यूसी अनिवार्य

मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति” का हुआ गठन

दिल्ली सरकार ने सावन माह के दौरान कांवड़ियों की सेवा करने वाली समितियों को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आज हुई सरकार की केबिनेट ने आज इस मसले पर कई निर्णय लिए हैं। अब कांवड़ियों को आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार से 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शिविर लगाने वाली समितियों को सरकार की ओर से 1200 यूनिट बिजली फ्री भी मिलेगी। शिविर लगाने के लिए टेंडर सिस्टम समाप्त कर दिया है और समितियों को जल्द सुविधाएं देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया है। दिल्ली सरकार ने ऐसे आयोजनों को सहयोग व निगरानी के लिए “मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति” के गठन का भी निर्णय लिया है।

पुरानी टेंडर प्रणाली समाप्त

मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने अपने मंत्रियों के साथ इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी पत्रकारों से साझा की। उन्होंने बताया कि कांवड़ समितियों को अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से ग्रांट इन ऐड प्रदान किया जाएगा, जिससे पुरानी टेंडर प्रणाली समाप्त होगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगा, ताकि शिवभक्तों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। साथ ही ग्रांट इन ऐड का लाभ केवल पंजीकृत समितियों को मिलेगा, जिनके पास पैन नंबर, बैंक विवरण, और पंजीकरण प्रमाणपत्र जैसी आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध रहेंगी।

कांवड़ समितियों को मिलेगा कुल राशि का 50% एडवांस

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कांवड़ शिविरों को उनके टेंटिंग एरिया और शिविर के संचालन के दिनों की संख्या के आधार पर श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि सहायता राशि को व्यवस्थित और पारदर्शी रूप से प्रदान किया जा सके। समिति को कम से कम ₹50,000 और अधिकतम ₹10 लाख तक की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि कांवड़ समितियों को अनुदान की कुल राशि का 50% एडवांस में दिया जाएगा, जबकि शेष 50% तभी जारी होगा जब समिति उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC), एसडीएम या तहसीलदार द्वारा जियो-टैग फोटो सहित सत्यापन, और पूर्ण ऑडिट दस्तावेज जमा कर देगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष एक मंत्री समूह (group of Ministers) का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री श्री कपिल मिश्रा करेंगे और इसमें चार विधायक शामिल होंगे, जो शिविरों की सूची को अंतिम रूप देंगे। साथ ही जल्द ही एक नई समिति  ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति’ का गठन किया जाएगा | उन्होंने आगे बताया कि सभी जिलों में सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जहां डीएम की देखरेख में अनुमति और NOC एक ही स्थान से सरल और समयबद्ध तरीके से 72 घंटो के भीतर मिल सकेंगी। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था कांवड़ समितियों के लिए सुविधाजनक होगी और समय की बचत करेगी।

पंजीकृत समिति को मिलेगी 1200 यूनिट तक बिजली

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सचिव, राजस्व सह डिविज़नल कमिश्नर के द्वारा अंतर-विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, दमकल सेवा, एमसीडी, स्वास्थ्य, डीडीए , परिवहन, और बिजली विभाग सहित सभी आवश्यक विभाग सक्रिय रूप से शामिल होंगे। कांवड़ समितियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपने कैंप में वाटरप्रूफ टेंट, शामियाना, बिस्तर, मंच, बैरिकेडिंग, सीसीटीवी , कन्नात, पंखा, कूलर, लाइट की व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र, और समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हर पंजीकृत समिति को 1200 यूनिट तक बिजली सरकार द्वारा फ्री प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि निगरानी के लिए एसडीएम या तहसीलदार द्वारा कैंप का जियो-टैग फोटो सहित सत्यापन होगा और आयोजन की तिथि से 3 महीने के भीतर उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) और ऑडिट रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त यदि किसी समिति द्वारा गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा किया गया, तो उनपर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी |

कांवड़ शिविरों में सिविल डिफेंस और होमगार्ड के वॉलंटियर्स की तैनाती

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सभी संबंधित एजेंसियों और पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय कर व्यापक योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पैदल यात्रा करने वाले शिवभक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो । मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कांवड़ शिविरों में सिविल डिफेंस और होमगार्ड के वॉलंटियर्स की तैनाती की जाएगी, जो वहां जाकर सेवाएं प्रदान करेंगे और व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता बताया कि दिल्ली सरकार “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस” की नीति के तहत लगातार नई-नई नीतियां बना रही है। इसी क्रम में सावन माह के दौरान कांवड़ यात्रियों की सेवा के लिए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धार्मिक आयोजन वर्षों से भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का शिकार रहा है। पिछली सरकार में कुछ चुनिंदा ठेकेदार पूरे शहर के टेंडर उठाते थे, जिससे सेवा की गुणवत्ता प्रभावित होती थी। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद कांवड़ियों को ज़मीनी स्तर पर कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलता था। समितियों को टेंट और अन्य सुविधाओं के लिए अंत तक इंतज़ार करना पड़ता था।

जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की होगी प्राथमिकता

लेकिन हमारी सरकार ने स्वयं कांवड़ समितियों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को समझा और अब प्रक्रिया में पारदर्शिता, सरलता और समयबद्धता लाने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। दिल्ली सरकार की नई नीति अब सीधे लाभ पहुंचाने और भ्रष्टाचार की जड़ काटने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शिवभक्तों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, लेकिन जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन मास में कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था और सेवा का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि हर शिवभक्त को सम्मान और सुविधा मिले और इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि शिवभक्तों के पांव में एक कंकड़ भी न चुभे, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। कांवड़ यात्रा आस्था, श्रद्धा और अनुशासन का पर्व है और इसे सुगम बनाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।यही हमारी सेवा है।”

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