गुरुवार को पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा की जलालाबाद अदालत में पेशी के दौरान पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खेहरा से मिलने के लिए पहुंचे। इस दौरान बाजवा को विधायक खेहरा से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। इसको लेकर उन्होंने कहा कि खेहरा की पेशी के दौरान पंजाब पुलिस ने लोकतांत्रिक अधिकारों का घोर उल्लंघन करते हुए उन्हें उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी। आम आदमी पार्टी सरकार ने पंजाब को पूर्ण पुलिस राज्य में बदल दिया है।
उन्होंने ने आगे कहा कि बदले की राजनीति की शक्तियों का दुरुपयोग कर AAP सरकार अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन, हम सरकार की हर गुंडागर्दी का इसी तरह जवाब देते रहेंगे। हम इस अन्याय से डटकर मुकाबला करेंगे और अपनी लड़ाई को जनता तक ले जाएंगे और इन ‘फर्जी इंकलाबियों’ को बेनकाब करेंगे.बता दें कि कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खेहरा को बीते 28 सितंबर को पंजाब पुलिस ने उनके चंडीगढ़ स्थित आवास से गिरफ्तार किया था. मार्च 2015 के एक मामले में खेहरा की गिरफ्तारी की गई। दरअसल, मार्च 2015 में फाजिल्का के जलालाबाद में एनडीपीएस एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज की किया गया था।
ईडी ने किया था गिरफ्तार
पुलिस जांच के दौरान खेहरा का नाम भी सामने आया था. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त आरोपी के रूप में तलब किए गए खेहरा के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। 2015 के ड्रग्स मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में खेहरा को 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 2022 में जमानत मिल गई और 2023 में ड्रग्स मामले में समन आदेश को शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया था।
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