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मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, अमित मालवीय ने किया पलटवार

BJP Slams Congress : डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी घमासान जारी है। कांग्रेस ने भाजपा पर पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में “अनादर और कुप्रबंधन” के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पर “मौत का राजनीतिकरण” करने का आरोप लगाया।

अमित मालवीय ने कहा, “कांग्रेस मीडिया मैनेजर द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। शर्म की बात है कि कांग्रेस डॉ. मनमोहन सिंह जैसे सम्मानित नेता की मृत्यु का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।”

कांग्रेस राजनीति करना बंद करे

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को चाहिए कि वह डॉ. सिंह की मृत्यु पर राजनीति करना बंद करे और उन्हें वह सम्मान दे, जिसके वे सच्चे हकदार हैं।

इस पूरे विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे की आलोचना करने से पीछे नहीं हट रहे। कांग्रेस की ओर से भाजपा की खामियां गिनाने के बाद भाजपा ने भी अपने जवाब से पलटवार कर दिया है।

कांग्रेस के आरोपों पर अमित मालवीय ने दिया जवाब

1- कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पोस्ट में आरोप लगाए कि डीडी न्यूज़ के अलावा किसी भी समाचार एजेंसी को कवरेज की अनुमति नहीं दी गई। कवरेज में मोदी और शाह पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को अनदेखा किया गया।

इसके उत्तर में अमित मालवीय ने लिखा कि समारोहों के कवरेज में रक्षा मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है। पहले भी केवल डीडी ने ही कवरेज किया है। प्रवेश पर प्रतिबंध सुरक्षा एजेंसियों की ओर से है। राष्ट्रीय समारोह भी केवल डीडी की ओर से ही कवर किए जाते हैं।

2- पवन खेड़ा ने अगला आरोप लगाया कि डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार के लिए आगे की पंक्ति में केवल 3 कुर्सियां रखी गई थीं। कांग्रेस नेताओं को उनकी बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए सीटों पर जोर देना पड़ा।

इसके उत्तर में भाजपा नेता ने कहा, अंतिम संस्कार स्थल पर बैठने की व्यवस्था सीपीडब्ल्यूडी की ओर से दिल्ली पुलिस के परामर्श से की जाती है। उपलब्ध स्थान के अनुसार आगे की पंक्ति में सीटों की संख्या अधिकतम रखी गई थी। पहली पंक्ति में परिवार के सदस्यों के लिए पांच (5) सीटें निर्धारित की गई थीं। इन पर मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी और उनकी तीन बेटियों ने ऑक्यूपाई किया था। शेष 20 सीटें संवैधानिक अधिकारियों के लिए थीं, जिन्हें पुष्पांजलि अर्पित करनी थी। इनमें भारत के राष्ट्रपति, भूटान के राजा, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता और सेवा प्रमुख शामिल थे।

उन्होंने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति को आगे की पंक्ति में सीट आवंटित नहीं की गई थी। दूसरी पंक्ति में 8 सीटें परिवार के सदस्यों के लिए निर्धारित की गई थीं। अगली दो पंक्तियों (पंक्ति 3 और 4) में परिवार के सदस्यों के लिए घेरा निर्धारित किया गया था।

3- पवन खेड़ा ने लिखा कि दिवंगत प्रधानमंत्री की विधवा को राष्ट्रीय ध्वज सौंपे जाने और तोपों की सलामी के दौरान प्रधानमंत्री और मंत्री खड़े नहीं हुए।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित मालवीय ने लिखा कि पूरे सैन्य सम्मान के साथ राजकीय अंतिम संस्कार किया गया। प्रक्रिया में कोई विचलन नहीं थी।

4- खेड़ा ने अगला आरोप लगाया कि एक तरफ सैनिकों के होने के कारण परिवार को चिता के चारों ओर अपर्याप्त स्थान दिया गया था।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता ने लिखा अंतिम संस्कार के लिए स्थान गृह मंत्रालय की ओर से सूचित किया गया था। चिता के चारों ओर केवल औपचारिक कर्मचारी ही थे। पूरा स्थान परिवार और पुजारियों के लिए उपलब्ध था। अन्य अधिकारी उस क्षेत्र पर नहीं थे।

5- कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आम जनता को बाहर रखा गया, उन्हें कार्यक्रम स्थल के बाहर से ही देखने के लिए छोड़ दिया गया।

इसका जवाब देते हुए भाजपा नेता ने कहा, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से समग्र सुरक्षा के लिए सार्वजनिक प्रतिबंध लगाया जाता है। पूरा कार्यक्रम स्थल भरा हुआ था।

6- पवन खेड़ा ने आगे कहा, अमित शाह के काफिले ने अंतिम संस्कार यात्रा में बाधा डाली, जिससे परिवार की गाड़ियां बाहर रह गईं। गेट बंद कर दिया गया और परिवार के सदस्यों को ढूंढ़कर वापस अंदर लाया गया।

इसके जवाब में अमित मालवीय ने कहा, अंतिम संस्कार जुलूस का प्रबंधन यातायात पुलिस ने किया था। परिवार की कारों का विवरण पहले से ही मांगा गया था और सुरक्षा इकाई की ओर से उन्हें पार्किंग के लिए पास जारी किए गए थे। अंतिम संस्कार यात्रा में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ।

7- कांग्रेस ने आरोप लगाए कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार करने वाले पोते-पोतियों को चिता तक पहुंचने के लिए जगह के लिए धक्का-मुक्की करनी पड़ी।

इसके जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि चिता के पास केवल परिवार के सदस्य, पुजारी और समारोह के गार्ड ही मौजूद थे।

8- पवन खेड़ा ने लिखा कि राजनयिक कहीं और बैठे थे और दिखाई नहीं दे रहे थे। चौंकाने वाली बात यह है कि जब भूटान के राजा खड़े थे तो प्रधानमंत्री खड़े नहीं हुए।

इसके जवाब में भाजपा ने कहा कि राजनयिकों को भी निर्धारित स्थान पर बैठाया गया था. प्रोटोकॉल के अनुसार भूटान के राजा और मॉरीशस के विदेश मंत्री को अग्रिम पंक्ति में बैठाया गया।

9- कांग्रेस का आरोप है कि पूरा अंतिम संस्कार क्षेत्र तंग और खराब तरीके से व्यवस्थित था, जिससे यात्रा में शामिल कई लोगों के लिए जगह नहीं बची।

जवाब में मालवीय ने कहा कि शुभचिंतकों, समर्थकों और आगंतुकों पर अंदर आकर श्रद्धांजलि देने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। इसमें निवास, पार्टी कार्यालय, अंतिम संस्कार यात्रा और अंतिम संस्कार स्थल शामिल थे। रक्षा मंत्रालय को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का काम सौंपा गया।

अमित मालवीय ने अंत में लिखा, “हमें उम्मीद है कि कांग्रेस डॉ. मनमोहन सिंह की मृत्यु पर उनका शोषण करना बंद करेगी और उन्हें वह सम्मान देगी, जिसके वे हकदार हैं।

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