
New Delhi: बीजेपी के संतृप्ति अभियान को लेकर उस पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि व्यक्तिगत राजनीतिक प्रचार के लिए अधिकारियों का खुलेआम उपयोग आगामी चुनावी लड़ाई से पहले एक प्रमुख विचार-विमर्श का मुद्धा है।
खड़गे ने लिखा था पत्र
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जयराम रमेश ने पोस्ट किया कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मोदी सरकार को चुनावी राज्यों में सिविल सेवा अधिकारियों को रथप्रभारी के रूप में नियुक्त करने पर बैन लगा दिया है। अब यह साफ है कि पीएम मोदी सिविल सेवा अधिकारियों और सैनिकों को राजनीति से दूर रखने के संबंध में 22 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिखे गए लेटर पर ध्यान देने के मूड में नहीं हैं।
कांग्रेस पार्टी इसे करती है अस्वीकार्य
जयराम रमेश ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कांग्रेस पार्टी इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य करती है। और इस खतरनाक प्रक्रिया को खत्म करने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेगी। जो भारत के लोकतंत्र को कमजोर और खतरे में डाल रही है।
वरिष्ठ नौकरशाहों को रथप्रभारी के रूप में तैनात किया जाना था
18 अक्टूबर के एक सरकारी आदेश के मुताबिक केंद्र के संतृप्ति अभियान के तहत, बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA के शासन के 9 सालों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों को पूरे देश में रथप्रभारी के रूप में तैनात किया जाना था।
चुनाव आयोग ने बीजेपी को दिया नोटिस
लेकिन, इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा बीजेपी को नोटिस दिए जाने के बाद, पार्टी ने अधिकारियों को गैर चुनावी राज्यों में भेजने का फैसला किया। जहां आचार संहिता लागू नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर इस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया था।
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