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व्हाइट हाउस में लंच और नोबेल की मांग! पाक सेनाध्यक्ष की ट्रम्प से गुप्त मीटिंग पर भड़का भारत – जानिए क्या है सच्चाई?

Asim Munir Trump Meeting : भारत-पाकिस्‍तान तनाव और ईरान-इजरायल में छिड़ी जंग के बीच हाल ही में एक ऐसी मुलाकात हुई जिसमें पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया है. यह खबर इसलिए चर्चा में आ गई क्योकि इस दौरान असीम मुनीर ने ट्रम्प के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग कर डाली. वहीं इस मुलाकात ने वैश्विक स्तर पर दुनिया का ध्यान खींचा है. इतना ही नहीं इस दौरान बताया तो यह भी जा रहा है कि असीम मुनीर ने ट्रम्‍प के साथ लंच करते हुए, कश्‍मीर और भारत को लेकर भी बातचीत की थी. 

क्या हुआ व्हाइट हाउस में?

अब अगर पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो असीम मुनीर और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच ईरान, कश्मीर और भारत-पाक तनाव को लेकर बातचीत हुई है. वहीं इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. लेकिन इस मुलाकात के बाद ट्रम्प ने मीडिया को दी जानकारी में कहा कि “मैंने असीम मुनीर को इसलिए बुलाया ताकि उन्हें युद्ध टालने के लिए धन्यवाद दे सकूं.”

नोबेल की मांग ने मचाया बवाल

इस मुलाकात के दौरान जनरल असीम मुनीर ने ट्रम्प की तारीफ करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने में ट्रम्प का बड़ा योगदान रहा है. ट्रम्प के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कोशिशों ने दक्षिण एशिया को एक बड़ा संकट टलने से बचाया है.

भारत की सख्त प्रतिक्रिया

हालांकि भारत सरकार ने ट्रम्प के मध्यस्थता के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर किसी बाहरी दबाव से नहीं, बल्कि दोनों ही देशों की सेनाओं के आपसी संवाद से संभव हुआ है. जिसके बाद भारत साफ करते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार नहीं की जाएगी.

क्या है इसका वैश्विक असर?

बता दें कि यह मुलाकात तब हुई जब भारत-पाक के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है. दूसरी तरफ ईरान-इजरायल संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दे भी गरमाया हुआ है. दोनों की इस मुलाकात को देखते हुए अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति और उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सूत्रों की मानें तो ट्रम्प की यह पहल अमेरिका की ओर से एक रणनीतिक कदम हो सकता है, वहीं भारत के लिए यह मुलाकात असहज करने वाली है.

यह भी पढ़ें : ईरान-इजराइल तनाव के बीच अमेरिका की एंट्री, डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई की योजना को दी मंजूरी

दक्षिण एशिया की राजनीति में उठा नया भूचाल

गौरतलब है कि व्हाइट हाउस में हुई असीम मुनीर और डोनाल्ड ट्रम्प की यह मुलाकात सिर्फ एक दावत भोज नहीं थी, बल्कि इस मुलाकात के चलते दक्षिण एशियाई राजनीति में नई हलचल पैदा होने की आशंका है. जहां एक तरफ पाकिस्तान इसे जीत मान रहा है, वहीं भारत इसे नकारते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात के बाद क्षेत्रीय संतुलन किस दिशा की तरफ जाता है.

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