
America’s reaction on Modi-Putin meeting: अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाल ही में हुई मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध गहरे और मजबूत हैं, लेकिन यह संबंध इतना मजबूत नहीं है कि इसे हल्के में लिया जाए।
America’s reaction on Modi-Putin meeting: डिफेंस कॉन्क्लेव में संबोधन
नई दिल्ली में गुरुवार को एक डिफेंस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत अपनी रणनीतिक आजादी को पसंद करता है, लेकिन जंग के मैदान में इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान विश्व एक दूसरे से जुड़ा हुआ है और कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि वह युद्ध से अछूता है। इसलिए, हमें न केवल शांति के लिए खड़ा होना होगा, बल्कि अशांति पैदा करने वाले देशों पर कार्रवाई भी करनी होगी।
भरोसेमंद साझेदारी की आवश्यकता
गार्सेटी ने जोर देकर कहा कि अमेरिका और भारत को एक-दूसरे पर भरोसा करने वाला साथी बनने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हम दोनों के लिए यह याद रखना जरूरी है कि हम इस रिश्ते में जैसा निवेश करेंगे, हमें वैसा ही परिणाम मिलेगा। संकट के समय में हमें एक-दूसरे को जानने की जरुरत होती है।”
मोदी की रूस यात्रा और पुतिन से मुलाकात
अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी को हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को रूस दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने पीएम मोदी को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा।
शांति और वार्ता की आवश्यकता
दो दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी और पुतिन के बीच शिखर वार्ता भी हुई। मोदी ने कहा, “एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि जंग के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है। समाधान के लिए वार्ता जरूरी है।”
पुतिन की प्रशंसा
पुतिन ने पीएम मोदी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा, “आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके लिए आपके आभारी हैं।” पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आतंकवाद हर देश के लिए खतरा बना हुआ है।
निष्कर्ष
अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी की टिप्पणी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत हैं, लेकिन उन्हें और भी गहरा करने की आवश्यकता है। मोदी और पुतिन की मुलाकात से जुड़े इन बयानों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वैश्विक राजनीति में स्थिरता और शांति के लिए सहयोग और वार्ता कितनी महत्वपूर्ण है।
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