
AAP Women Wing : स्थानीय पार्षद होने के बावजूद एमसीडी के कार्यक्रमों में बार-बार निमंत्रित नहीं करने से नाराज ‘‘आप’’ दिल्ली महिला विंग की अध्यक्ष सारिका चौधरी ने शनिवार को भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वह महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गईं और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने कहा कि भाजपा दलितों-महिलाओं से नफ़रत करती है। मैं एक दलित-महिला पार्षद हूं, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में मुझे निमंत्रण न देकर अपमानित किया गया। इससे पहले भी कई कार्यक्रमों में मुझे नहीं बुलाया गया। जबकि एमसीडी रूल के मुताबिक, अगर किसी वार्ड में कार्यक्रम होता है तो उसकी अध्यक्षता वहां का पार्षद करता है। इसके बावजूद भाजपा ने एक दलित महिला पार्षद को उसके अधिकार से वंचित रखा।
सारिका चौधरी ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान के साथ आज खिलवाड़ हो रहा है। बाबा साहब ने जिन लोगों को रास्ता दिखाया, आज उनके साथ अन्याय हो रहा है। मैं एक दलित महिला पार्षद हूं और मेरे साथ मेरे खुद के वार्ड के अंदर अत्याचार हो रहा है।
अंबेडकर स्टेडियम में योग दिवस का आयोजन
उन्होंने कहा कि आज अंबेडकर स्टेडियम में योग दिवस का आयोजन हुआ। उसके लिए जो कार्ड छपे, मुझे उनके बारे में किसी और के माध्यम से पता चला। अंबेडकर स्टेडियम मेरे वार्ड में आता है, मेरे कार्य क्षेत्र में है और यह बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर है। इसके बावजूद मेरे साथ ऐसा अत्याचार किया गया। मैंने एमसीडी सेंट्रल जोन की अध्यक्ष योगिता सिंह को फोन कर पूछा कि उन्होंने मेरा नाम कार्ड में क्यों नहीं डाला? जबकि ये प्रोग्राम एमसीडी ही करवा रही है? इससे पहले भी चार-पांच बार मेरे क्षेत्र में ऐसा हो चुका है।
सारिका चौधरी ने बताया कि डीएमसी एक्ट स्पष्ट कहता है कि बिना पार्षद की मर्जी और अध्यक्षता के एमसीडी का कोई भी प्रोग्राम नहीं हो सकता। पार्षद किसी भी पार्टी से हो, उसकी अध्यक्षता अनिवार्य है। लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। कार्ड में सभी के नाम हैं। चीफ गेस्ट में मेयर राजा इकबाल सिंह का नाम है। डिप्टी मेयर भगवान सिंह यादव, स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्ष सत्या शर्मा, नेता सदन अश्विनी कुमार, दोनों डिप्टी कमिश्नर समेत दूसरे वार्ड के पार्षदों के तक नाम हैं। लेकिन जो इस वार्ड की पार्षद है, उसे ही नहीं बुलाया गया।
‘मैं जनरल सीट से चुनाव जीतकर आई हूं’
सारिका चौधरी ने कहा कि मुझे लगता था कि एमसीडी के कमिश्नर सभी पार्षदों को साथ लेकर चलते हैं, चाहे वे जनरल हों, दलित हों या महिला हों। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कमिश्नर साहब भाजपा के सामने झुक गए और एक दलित महिला पार्षद के साथ अत्याचार कर रहे हैं। मैं जनरल सीट से चुनाव जीतकर आई हूं। मैंने 50 साल से सत्ता में बैठे रजवारों को हराकर, अकेले दम पर यह चुनाव जीता। मैं दलित जाटव समाज से हूं। फिर भी एक दलित महिला के साथ अत्याचार हो रहा है। मेरे अधिकारों का हनन हो रहा है।
सारिका चौधरी ने कहा कि इससे पहले भी जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना वेस्ट टू वंडर पार्क आए, वहां बोर्ड लगा, प्रोग्राम हुआ, लेकिन मेरा नाम नहीं डाला गया। निजामुद्दीन बस्ती में पार्किंग का उद्घाटन हुआ, जहां एलजी साहब, सुनील कुमार, ज्ञानेश भारती, गौतम गंभीर आए, लेकिन वहां भी मेरा नाम नहीं डाला गया। मेरा अपमान हुआ। शहीदी पार्क में कमिश्नर साहब आए, वहां भी प्रोग्राम हुआ, लेकिन मुझे न तो निमंत्रण दिया गया, न ही मेरा नाम डाला गया।
‘मेरा नाम नहीं डाला जा सकता’
सारिका चौधरी ने कहा कि मैंने कमिश्नर और डीसी को फोन कर कहा कि यह गलत हो रहा है। मैं इस वार्ड की चुनी हुई दलित महिला पार्षद हूं, वह मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि वे बताएंगे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। न सेंट्रल जोन की अध्यक्ष योगिता सिंह का जवाब आया, न ही किसी और ने जवाब दिया। नेता विपक्ष अंकुश नारंग ने मेयर से बात की, तो मेयर ने कहा कि कार्ड छप गए, अब कुछ नहीं हो सकता। मेरे हाथ में नहीं है। जब मैंने एमसीडी अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने कहा कि उनके हाथ में कुछ नहीं है, ऊपर से निर्देश हैं कि मेरा नाम नहीं डाला जा सकता।
सारिका चौधरी ने कहा कि यह एमसीडी का सरकारी प्रोग्राम था, भाजपा का नहीं। इसमें पार्षद की अध्यक्षता होनी चाहिए थी। मेरे अधिकारों का हनन हो रहा है, सिर्फ इसलिए कि मैं दलित समाज से हूं, एक महिला हूं। इन लोगों को एक दलित महिला को बगल में बिठाने में दिक्कत है। इसलिए मुझे मेरे अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। मेरी मांग है कि मुझे हर चीज में शामिल किया जाए, क्योंकि मैं इस वार्ड की पार्षद हूं, जनता की चुनी हुई प्रतिनिधि हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि मेरे वार्ड में कमिश्नर, मेयर, डिप्टी मेयर, स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन आएं और एक पार्षद को पूछा तक न जाए, सिर्फ इसलिए कि वह दलित समाज से है।
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