
New Delhi : मालदीव की सरकार ने लक्षदीप मामले में भारतीय उच्चायुक्त मुनु मुहावर को सफाई देते हुए कहा कि उसके निलंबित किए जा चुके 3 उपमंत्रियों द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान सरकार की राय या रुख को कतई तय नहीं करते। भारतीय उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर बताया कि विदेश मंत्रालय में ‘अंबेसेडर एट-लार्ज’ डॉ अली नसीर मोहम्मद के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारतीय उच्चायुक्त की बैठक आज निर्धारित थी।
सरकार का रुख नहीं प्रदर्शित करते
‘द सन ऑनलाइन’ की ख़बर के अनुसार मालदीव के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि बैठक में नसीर ने स्पष्ट किया कि उपमंत्रियों के बयान मालदीव की सरकार का रुख नहीं प्रदर्शित करते। उन्होंने अपने पड़ोसियों के लिए मालदीव का सतत समर्थन दोहराया। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार को विदेशी नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर ‘अपमानजनक बयानों’ की जानकारी है और ये निजी राय उसके रुख को प्रदर्शित नहीं करते। इससे पहले भारत ने मालदीव के दूत इब्राहिम शहीब को तलब किया और मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर डाले गए बयानों को लेकर चिंता प्रकट की थी।
मामले को पुरजोर तरीके से उठाया
मालदीव के तीन उपमंत्रियों – मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ‘एक्स’ पर उनकी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि नयी दिल्ली इस केंद्र शासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है। भारत में सोशल मीडिया पर विवाद शुरू होने के बाद रविवार को तीनों को निलंबित कर दिया गया। नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि माले में भारतीय उच्चायोग ने रविवार को मालदीव के विदेश मंत्रालय के साथ मामले को पुरजोर तरीके से उठाया।
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