आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान अब खुद इसके जाल में फंसता जा रहा है। कराची में हाल ही में हुआ आत्मघाती हमला इस बात का सबूत है कि कैसे पाकिस्तान की स्थिति जहन्नुम जैसी हो गई है। आत्मघाती बम विस्फोट करने वाली महिला को अब कई खुलासे हो रहे हैं। महिला खुद पोस्ट ग्रेजुएट थीं और उसका पति डॉक्टर है।
पाकिस्तानी पुलिस के खुलासा किया है कि कराची यूनिवर्सिटी में आत्मघाती बम धमाका कर तीन चीनी नागरिकों और एक पाकिस्तानी नागरिकों को मारने वाली महिला हमलावर बहुत पढ़ी-लिखी थी। उसका पति एक डॉक्टर है। जिस महिला ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया है उसका नाम शैरी बलूच था।
शैरी ब्लूच ने जूलॉजी में एमएससी थी। शैरी की शादी एक डॉक्टर से हुई थी। लेकिन, बलूचिस्तान की आजादी और चीनी अतिक्रमण के खिलाफ संघर्ष करने वाली शैरी ने सोच-समझकर और पूरी तरह से विचार करके इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। महिला ने यूनिवर्सिटी के गेट पर खुद को ठीक उस वक्त उड़ा लिया, जब चीनियों को लेकर एक बस यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने वाली थी।
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एम.फिल कर रही थी महिला
शैरी बलूच नाम की यह महिला जूलॉजी से मास्टर डिग्री लेने के बाद एम.फिल की पढ़ाई कर रही थी और बच्चों को साइंल पढ़ाती थी। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी ली है। बीएलए के मुताबिक, शैरी को अपने फैसले पर विचार करने का वक्त दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
बीएलए के अनुसार, शैरी ने मजीद ब्रिगेड की अलग-अलग यूनिट्स में अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने छह महीने पहले इस बात को कंफर्म किया कि वह आत्म-बलिदान के हमले को अंजाम देने के अपने फैसले पर कायम है। इसके बाद वह सक्रिय रूप से मिशन में शामिल हो गई।
BLA ने कहा, “चीन के आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विस्तारवाद के प्रतीक Confucius इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और अधिकारियों को निशाना बनाना चीन को स्पष्ट संदेश देना था कि बलूचिस्तान में उसकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपस्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”