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सुधा मूर्ति की ये टिप्स नए ज़माने के माता-पिता जरूर फॉलो करें, पढ़ें

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सुधा मूर्ति किसी पहचान की मोहताज़ नहीं हैं। यह एक प्रख्यात भारतीय लेखिका हैं जो कन्नड़ और अंग्रेजी में लिखती हैं। उनकी लेखन शैली अपने घटनापूर्ण जीवन के अनुभवों पर आधारित होती  हैं। शिक्षिका, लेखिका और समाज-सेविका सुधा मूर्ति अक्सर पेरेंटहुड से जुड़े बेहतर तरीकों के बारे में बात करती हैं। तो यहां हमने उनसे इसी बारे में कुछ सीखने और समझने की कोशिश की है।

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“अपने सपने अपने बच्चों के ज़रिए पूरा करने की कोशिश न करें, क्योंकि हर बच्चा अपने अलग सपने के साथ जन्म लेता है।” यह एक आम गलती है, जो कई माता-पिता करते हैं। एक बच्चा भविष्य के लिए अपने खुद के सपने और आशाओं के साथ आता है। माता-पिता को खुद के सपने बच्चों के ज़रिए पूरा करने के बजाय, अपने बच्चों के लिए उनके पसंद की मंजिल तक रास्ता बनाने में मदद करनी चाहिए।

“बच्चों को सिखाएं कि पैसे से कोई असाधारण नहीं बनता है”

एक फाइव स्टार होटल में अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी में शामिल होने के बाद, सुधा मूर्ति का बेटा घर वापस आया और अपने माता-पिता से इसी तरह की पार्टी देने के लिए कहा। तब सुधा मूर्ति ने अपने बेटे को समझाया कि एक पार्टी पर इतने पैसे खर्च करने के बजाय, इसे उस व्यक्ति की मदद के लिए खर्च करना चाहिए, जिन्हें उसकी ज्यादा ज़रूरत है।

“जब कोई बच्चा कुछ मांगता है, तो उसे तुरंत न दें। पता लगाने की कोशिश करें कि वास्तव में उसे इसकी ज़रूरत है या नहीं।” सुधा कहती हैं कि माता-पिता को समझना चाहिए कि उनके बच्चे जो मांग रहे हैं, वह ज़रूरी है या नहीं और उसके मुताबिक ही काम करना चाहिए।

“उन्हें गैजेट्स पर समय बिताने के बजाय, पढ़ने के फायदे सिखाएं और उन पर चर्चा करें।” सुधा मूर्ति कहती हैं कि उन्हें अक्सर माता-पिता के सवालों का सामना करना पड़ता है कि बच्चों को गैजेट्स से कैसे दूर रखा जाए। उनके मुताबिक इसका एकमात्र समाधान है पढ़ना। कम उम्र से ही उन्हें किताबें पढ़कर सुनाएं और किताबों के बीच रहने की आदत डालें।

माता-पिता जो करते हैं, उसका प्रभाव बच्चों पर पड़ता है।

बच्चे अपने शुरुआती सालों में आपको ही देखते हैं और आपको ही जानते हैं। तो आप जैसा व्यवहार करते हैं, उसका सीधा प्रभाव उन पर पड़ेगा। बच्चे बारीकी से चीजों को देखते हैं और दुनिया को समझने के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर करते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चों के सामने सही चीज़ें ही करें।

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