
12 नवंबर की सुबह 4 बजे उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन टनल धंस गया था। पिछले 76 घंटे से चालीस कर्मचारी अंदर हैं। यह टनल चारधाम प्रोजेक्ट के तहत सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बनाई जा रही है।
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में फंसे हुए कर्मचारी हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से अधिक लोगों की टीम हर दिन काम करती है।
सोमवार को NHIDCL के डायरेक्टर टेक्निकल अतुल कुमार ने बताया कि मलबा हटाने के दौरान टनल से लगातार मिट्टी धंस रही है। इससे बचाव मुश्किल होता है। अब हम मजदूरों को स्टील पाइप से निकालने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए, मंगलवार 14 नवंबर से ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
उत्तरकाशी के कलेक्टर अभिषेक रुहेला ने कहा कि अगर सब कुछ योजनानुसार हुआ तो फंसे कर्मचारियों को बुधवार 15 नवंबर तक निकाल दिया जाएगा।
टनल के अंदर 900 मिमी, या 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप हाइड्रोलिक जैक और ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद से डाला जा रहा है। हर कर्मचारी सुरक्षित है। पाइपों से उन्हें ऑक्सीजन, खाना-पानी और दवा दी गई।
प्लास्टर की कमी से टनल का 60 मीटर भाग धंसा
NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह ने बताया कि साढ़े चार किलोमीटर लंबी और चौड़ी 14 मीटर की यह टनल शुरू होने से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। ये दुर्घटना हुई क्योंकि उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था।
घटना की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की गई
मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर एक उच्चस्तरीय बैठक की। rescuer ने कहा कि हम हर समय बचाव कार्य की जानकारी ले रहे हैं। गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी घटना को देख रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच करने के लिए छह लोगों की एक कमेटी बनाई है।