Uttarakhand: लोकतंत्र सेनानियों के आश्रितों को भी मिलेगी पेंशन, शासनादेश जारी

धामी सरकार अब आपातकाल में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के बाद आश्रितों भी पेंशन देगी। इसके तहत लोकतंत्र सेनानी की आश्रित विधवा पत्नी या विधुर पति को 20 हजार रूपए प्रति माह की पेंशन दी जाएगी। शासन से इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
आपातकाल में जेल जाने वाले प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को भी अब पेंशन मिलेगी। सरकार ने तय किया है कि लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के बाद उनकी विधवा पत्नी या विधुर पति को भी इतनी ही राशि लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन के तहत दी जाएगी। शासन से इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। आपातकाल के दौरान जेल यातना सहने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र सेनानी घोषित किया था।
आपातकाल की अवधि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच मीसा या डीआईआर के तहत जेल गए लोकतंत्र सेनानियों को पहले प्रदेश में 16 हजार रूपए प्रति माह दिए जाते रहे। जिसे धामी सरकार ने अक्टूबर 2022 में बढ़ाकर 20 हजार रूपए कर दिया। और अब लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के बाद उनकी आश्रित विधवा पत्नी या विधुर पति को भी इतनी ही धनराशि देने का फैसला लिया गया है।
शासन से जारी शासनादेश में कहा गया है कि आपातकाल में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक जेल में बंद लोकतंत्र सेनानियों की विधवा पत्नी या विधुर पति को भी लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन दी जाएगी। । सभी जिलाधिकारियों को सरकार के फैसले की जानकारी दे दी गयी है। जिससे जिलों में लोकतंत्र सेनानियों के आश्रितों को पेंशन दिए जाने के संबंध में जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा सकें। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इस पेंशन से प्रदेश के उन लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिवार का सम्मान होगा जिन्होंने आपातकाल के कठिन दौर में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल की यातना झेली थी।
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