
Supreme Court : किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान नेता डल्लेवाल की अश्चितकालीन भूख हड़ताल हो रही है। जिसको 36 दिन हो गए हैं, वहीं डल्लेवाल इलाज से इंकार कर रहे हैं। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। कोर्ट ने कहा था कि मेडिकल के लिए हॉस्पिटल ले जाने से रोकना आत्महत्या के लिए उकसाने के समान है। बता दें कि पंजाब सरकार की तरफ से भी समीक्षा की गई।
जानकारी के लिए बता दें कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब सरकार के अधिकारी भी डल्लेवाल से मिले थे। उन्हें स्वीकार करने के लिए समझाया था। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ मामले में सुनवाई करेगी। इससे पहले जो बीमार नेता को इलाज उपलब्ध कराने का विरोध कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने मंशा पर संदेश जताया था।
‘हॉस्पिटल ले जाने से रोकना…’
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि एक बीमार व्यक्ति (जगजीत सिंह डल्लेवाल) को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से रोकना क्रिमिनल ऑफेंस है। जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा था कि किसी को मेडिकल के लिए हॉस्पिटल ले जाने से रोकना आत्महत्या के लिए उकसाने के समान है। बता दें कि किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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