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UP: ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग का होगा वैज्ञानिक सर्वेक्षण, हाईकोर्ट ने दिया ऑर्डर

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वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे किए जाने का आदेश जारी किया है। साइंटिफिक सर्वे का काम आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को करना होगा। कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना साइंटिफिक सर्वे करना है। साइंटिफिक सर्वे के जरिए यह पता लगाना होगा कि बरामद हुआ कथित शिवलिंग कितना पुराना है, यह वास्तव में शिवलिंग है या कुछ और है।

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इस संबंध में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि बीते साल 16 मई को ज्ञानवापी परिसर में बरामद शिवलिंग की साइंटिफक जांच का प्रॉसेस तय करने के लिए हाईकोर्ट ने वााराणसी जिला जज की कोर्ट को आदेश दिया है। इससे पहले जिला जज की कोर्ट ने साइंटिफिक सर्वे के आर्डर की पिटिशन को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि इससे शिवलिंग को क्षति पहुंच सकती है। इसके बाद एएसआई ने 52 पेज की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी, जिसमें आईआईटी रुढ़की, आईआईटी खड़गपुर आदि संस्थानों के एक्सपर्ट ने ये बताया है कि बिना डिस्टर्ब किये शिवलिंग की जांच संभव है। इसके बाद हाईकोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर वाराणसी जिला जज के आर्डर को रद करते हुए आगे कैसे सर्वे की पूरी प्रक्रिया आगे बढ़े इसे लेकर गाइडलाइन तय करने के आदेश दिये हैं।

हाईकोर्ट ने वाराणसी के जिला जज के फैसले को बदल दिया है। जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे कार्बन डेटिंग के जरिए कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला दिया है।

इस मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने कल ही सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। हिंदू पक्ष की महिलाओं की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में वाराणसी के जिला जज के आदेश को चुनौती दी गई थी। इससे पहले पिछले साल मई महीने में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंग बरामद हुआ था।

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