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AAP: नहीं की गई बयान की ऑडियो रिकॉर्डिंग- सौरभ भारद्वाज

Saurav allegation on ED

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Saurav allegation on ED:  आम आदमी के पार्टी मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कल हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सदन में लंबा चौड़ा भाषण दिया। सोचिए यदि उस भाषण में ऑडियो नहीं होती तो वह कैसा लगता।  प्रधानमंत्री जी केवल इशारे करते हुए नजर आते। प्रश्न पूछते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस प्रकार का बिना ऑडियो वाला वीडियो कोई न्यूज़ चैनल अपने चैनल पर दिखता? इस बात का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के नेताओं के खिलाफ चल रहे तथाकथित मामले में गवाह और अभियुक्तों के बयान की ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं कीI

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‘…क्या ही कीमत रह जाती’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के ऐसे बिना आवाज वाले वीडियो की क्या ही कीमत रह जाती।  इस बात को कोर्ट में आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ चल रहे एक तथाकथित मामले के साथ जोड़कर सुप्रीम कोर्ट के 2 दिसंबर 2020 के एक मामले में दिए गए आदेश का उन्होंने हवाला दिया।

‘ऑडियो और वीडियो रिकार्डिंग का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश’

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह सख्त निर्देश है, कि किसी भी प्रकार की जांच में जांच एजेंसियों को बयान लेते वक्त उसकी ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी जरूरी है।  ताकि इस बात की तस्दीक की जा सके उस पर जांच एजेंसी द्वारा किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया है।  उन्होंने कहा, ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए,  आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ चल रहे तथाकथित मामले में गवाह और अभियुक्तों के बयान की ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं कीI

‘कैसे लगेगा पता कि गवाह ने बोली है बात’

उन्होंने कहा कि जब ऑडियो रिकॉर्डिंग की ही नहीं गई है, तो यह कैसे पता चलेगा कि जो ईडी द्वारा लिखित में कोर्ट के सामने बयान प्रस्तुत किया जाता है।  गवाह ने वही बातें बोली थीं या नहीं बोली थी।  मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि न केवल 2 दिसंबर 2020 के मामले में बल्कि इस मामले में भी 19 जुलाई 2023 को कोर्ट द्वारा साफ तौर पर इस बात को कहा गया है, कि इस मामले में गवाहों के बयानों की पूरी तरीके से रिकॉर्डिंग होनी चाहिए। इसके बावजूद भी गवाह के बयान की ऑडियो रिकॉर्डिंग ईडी द्वारा नहीं की गई I

‘बिना नाम और हस्ताक्षर के बयान जारी करती है ईडी’

उन्होंने कहा उस पर हास्यास्पद यह है, कि ईडी द्वारा बयान जारी किया जाता है, परंतु उस बयान पर ना तो किसी अधिकारी का नाम लिखा होता है, ना किसी अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। यदि ईडी ने किसी प्रकार का कोई गैर संवैधानिक काम नहीं किया है, तो ईडी द्वारा यह बयान आधिकारिक तौर पर दिया जाना चाहिए।

बोले… बयान पर होने चाहिए अधिकारी के हस्ताक्षर और नाम

सौरभ भारद्वाज ने बीते दिनों उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा दिए गए एक बयान, जिसमें उन्होंने कहा था, कि दिल्ली बाल आयोग को दिए जाने वाला पैसा बंद किया जाएगा और जो खबर सभी अखबारों में भी खूब चर्चा में रही, इसका हवाला देते हुए कहा, कि बाद में उपराज्यपाल महोदय अपने इस बयान से मुकर गए, कि हमने इस प्रकार का कोई बयान नहीं दिया है I इस प्रकार से ईडी द्वारा जारी किए गए इस बयान की भी तब तक कोई प्रमाणिकता नहीं है, जब तक की इस बयान पर जारी करने वाले अधिकारी का नाम उसका पद और हस्ताक्षर नहीं लिख दिए जाते।

‘किसी मंत्री या अधिकारी का आदेश?’

सौरभ भारद्वाज ने मीडिया के माध्यम से भाजपा शासित केंद्र सरकार से और ईडी विभाग के अधिकारियों से प्रश्न पूछा कि आधिकारिक तौर पर वह बताएं  कि किस मंत्री या किस अधिकारी के आदेश पर गवाह के बयान की ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं की गई।

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