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14 साल का इंतजार… साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन बना मददगार… ऐसे पकड़ा साइको सीरियल रेपिस्ट-किलर

Success of Police in Chandigarh

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Success of Police in Chandigarh: देश के चंडीगढ़ में एक ऐसे केस का खुलासा हुआ है जो पिछले 14 साल से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. एक बारगी तो पुलिस ने उसे अनट्रेस्ड केस बताकर उसकी फाइल बंद कर दी. इसके बाद 2022 में हुई एक और ऐसी ही वारदात के मामले में जब पुलिस खोजबीन कर रही थी तो 14 साल पहले के यानि 2010 के इस केस का खुलासा हुआ. मामला संगीन था. इसमें रेप और हत्या दोनों अपराध शामिल थे. आरोपी भी ऐसा जिसे ट्रेस करने में पुलिस के पसीने छूट चुके थे. दरिंदगी और हैवानियत भरी दास्तां के ये तो महज कुछ पन्ने थे मामला इससे भी काफी बड़ा था.

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दरअसल सन 2010 में चंडीगढ़ में एक ऐसी वारदात सामने आई कि जिसे सुन हर कोई दहल उठा. जिसने भी इस घटना के बारे में सुना वो अपने परिवार की बच्चियों और महिलाओं के बारे में सोचकर सिहर उठता. लोग अपने घर की महिलाओं और बेटियों को अकेले भेजने से डरने लगे थे.

मामला ये था कि चंडीगढ़ के सेक्टर 38 से नेहा अहलावत(21) शाम को अपने घर से कोचिंग के लिए निकली. जब वह रात नौ बजे तक घर नहीं पहुंची तो परिवार वालों को चिंता हुई. उन्होंने उसका फोन मिलाया. एकाएक फोन स्विच ऑफ आ रहा था. इसके बाद शुरू हुई लड़की की तलाश. परिवार वालों ने हर संपर्क में और भरसक प्रयास किया लेकिन लड़की नहीं मिली.

हारकर उन्होंने पास के सेक्टर 39 थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. इसके बाद भी परिजनों ने अपने स्तर से तलाश जारी रखी. कुछ देर बाद उन्हें सेक्टर 38 के करन टैक्सी स्टैंड के पास लड़की की स्कूटी खड़ी दिखाई दी. पास पहुंचे तो स्कूटी पर खून के छींटे थे. यह देख परिवार वालों की बैचेनी और बढ़ गई. वो उसे तेजी से आसपास तलाश करने लगे. तभी नजर पड़ी पास की झाड़ियों पर. झाड़ी हटाकर देखा तो परिजनों की चीख निकल गई. वो भीभत्स मंजर ऐसा कि जिसे देख परिवार वाले दंग रह गए. झाड़ी के पीछे खून से सनी लड़की निर्वस्त्र थी. शरीर पर चोटों के काफी निशान थे, वो बेहोश थी. घर वाले आनन फानन में उसे पीजीआई ले गए. वहां चिकित्सकीय परीक्षण के बाद डॉक्टर ने उसे ब्रॉड डैड घोषित कर दिया.

मामला पुलिस का था. पुलिस ने जब मेडिकल जांच करवाई तो पता चला कि लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया है. उसकी हत्या की गई है. पुलिस ने फॉरेंसिक टीम की मदद से लड़की के शरीर से आरोपी के डीएनए सैंपल कलेक्ट किए. लड़की के सिर पर भारी चीज से चोट के निशान थे. सभी अंगों से खासकर निजी अंगों से छेड़छाड़ की गई थी. गला घोंटे जाने के भी सबूत थे.

अब यह मामला पुलिस के लिए हाईप्रोफाइल हो चुका था. चूंकि यह महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा था. पुलिस ने आरोपी की तलाश में एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी. दिन, दिन के बाद महीने, महीने के बाद साल बीतते रहे और पुलिस खाली हाथ रही. हार कर पुलिस ने कोर्ट के सामने अनट्रेस्ड रिपोर्ट दाखिल कर दी.

इसके बाद 12 साल बाद पुलिस को 12 जनवरी 2022 में एक महिला(40) की निर्वस्त्र लाश मिली. इस लाश के हाथ-पैर बंधे हुए थे. निजी अंगों से छेड़छाड़ की गई थी और मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था. रेप और मर्डर की मॉडस ऑपरेंडी लगभग 2010 वाले केस से मिलती थी. 12 साल पहले हुए केस को भुला चुके लोगों के दिल में एक बार फिर खौफ पैदा हो चुका था. पुलिस ने इस लाश से भी आरोपी के डीएनए सैंपल कलेक्ट कर लिए थे. मरने वाली महिला मनदीप कौर थी. महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट एक रोज पहले उसके पति ने दर्ज करवाई थी. पति के अनुसार उसने 11 जनवरी 2022 को रात आठ बजे पत्नी को मार्केट में सामान लेने के लिए छोड़ा था इसके बाद वह घर नहीं लौटी थी. काफी मशक्कत के बाद भी पुलिस इस केस में भी खाली हाथ रही.

अब हाल ही में इलाके में आईं एसएसपी कंवरप्रीत कौर ने अपने इलाके के अनसुलझे केस की फाइल मंगवाई. इसके बाद स्टडी की तो पता चला कि 2010 और 2022 में हुए इन दोनों केसों में काफी समानता था. इसके बाद पुलिस ने एक बार फिर छानबीन शुरू की. इन केस से पुलिस को यह महसूस हो चुका था कि कातिल कहीं और नहीं गया. वह यहीं कहीं है. इसके बाद पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू की. शक के आधार पर तकरीबन 100 लोगों के डीएनए सैंपल कलेक्ट किए गए.

इस केस में सफलता तब मिली जब 100 में से एक व्यक्ति का सैंपल 2022 में महिला मर्डर और रेप केस में कलेक्ट किए गए आरोपी के सैंपल से मैच खा गए. इसके बाद वहीं सैंपल 2010 में लड़की के रेप और मर्डर केस के आरोपी से भी मैच खा गए. अब पुलिस को लगा कि वो आरोपी को पकड़ लेगी. आरोपी का नाम मोनू कुमार(38) था वो नशे का आदी था लेकिन मंजिल अब भी दूर थी.

जैसे ही पुलिस मोनू का पता लगाने पहुंची तो मालूम हुआ कि मोनू चंडीगढ़ से जा चुका है. वह एक टैक्सी ड्राइवर है. वो न तो अपने पास मोबाइल रखता है और न ही उसका कोई बैंक अकाउट है. ऐसे में उसे ट्रेस करना टेड़ी खीर था. उसका आधार कार्ड भी नहीं था. अब पुलिस ने इलाके में अपने मुखबिरों को भी अलर्ट कर दिया कि जैसे ही मोनू आए तो पुलिस को ख़बर कर दी जाए. आखिरकार छह महीने बाद मोनू जब चंडीगढ़ लौटा तो पुलिस ने उसे धर दबोचा. मोनू मूल रूप से बिहार का निवासी था.

मोनू पहले तो गुनाह कबूल करने से इनकार करता रहा. इसके बाद पुलिस ने उसे डीएनए सैंपल होने की बात बताई. सख्ती से पूछताछ की. इसके बाद मोनू ने जो बताना शुरू किया उससे पुलिस के पांव तले जमीन खिसक गई. चूंकि वह सिर्फ यह दो ही नहीं और भी वारदात को अंजाम दे चुका था. उसने 12 सितंबर 2008 को चंबा में एक छह साल की बच्ची की भी रेप के बाद हत्या की थी. इस मामले में उसे गिरफ्तार भी किया गया था. डेढ़ साल बाद सबूतों के अभाव में उसे छोड़ दिया गया. पुलिस को अब यह साफ हो चुका था कि मोनू एक साइको रेपिस्ट और किलर है. पुलिस के अनुसार मोनू पर छह अन्य आपराधिक मामलों का पता चला है. इसमें रेप, लूट और हत्या जैसे मामले हैं.

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