Delhi Pollution: दिल्ली की हवा हुई जहरीली, AQI 400 से पार, 5 वीं तक की कक्षाएं दो दिनों के लिए बंद
दिल्ली की हवा खराब है। शुक्रवार को दूसरे दिन भी कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से अधिक था। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, लोधी रोड पर AQI 438, जहांगीरपुरी में 491, RK Puram में 486 और IGI एयरपोर्ट पर 473 था।
गुरुवार को दिल्ली के 17 इलाकों में AQI 400 से अधिक था। बाकी सभी स्थानों पर भी गंभीर प्रदूषण था। भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण आगे बढ़ सकता है।
खराब हवा को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांचवीं कक्षा तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी किया।
केंद्रीय एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 2 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप का तीसरा चरण शुरू किया, क्योंकि प्रदूषण में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप, गैर-जरूरतमंद निर्माण और विध्वंस कार्य बंद हो गए हैं। B3 और B4 डीजल हल्के मोटर चार पहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। पीक आवर्स से पहले सड़कों पर हर दिन पानी डालना चाहिए।
प्रदूषण की वजह से अस्पतालों में लगातार बढ़ रहे मरीज
दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और आने वाले दिनों में इसका स्तर और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसलिए जुकाम, कफ, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, सांस लेने में परेशानी, गले में खरास, बदन दर्द, सिरदर्द, आंखों की परेशानी, अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के बड़े अस्पतालों में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का खतरा 50 से 60 प्रतिशत है; सफदरजंग में 55 से 60 प्रतिशत; आरएमएल और एलएनजेपी में 50 से 55 प्रतिशत; और जीटीबी, अंबेडकर सहित संजय गांधी अस्पताल में 60 प्रतिशत से अधिक है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों को 2 से 3 महीने के लिए दिल्ली के बाहर चले जाना चाहिए, ताकि बीमारी कंट्रोल में रहे सके।पीएसआरआई अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर नीतू जैन का कहना है कि प्रदूषण की वजह से लोगों में लंबी-लंबी खांसी हो रही है।
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