Electoral Bond: शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा, ECI जमा करे डेटा
Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 02 अक्टूबर को चुनावी बांड योजना की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जो राजनीतिक दलों को गुमनाम दान की अनुमति देती है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने 31 अक्टूबर को इसपर सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद तीन दिवसीय सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
Electoral Bond: EC जमा करे डेटा
शीर्ष अदालत अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को योजना के तहत बेचे गए चुनावी बांड के संबंध में इस साल 30 सितंबर तक डेटा जमा करने के लिए भी कहा। कोर्ट ने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) 30 सितंबर, 2023 तक का डेटा प्राप्त करे। हमने दलीलें सुनीं। फैसला सुरक्षित रखी जा चुकी है’’।
2019 में कोर्ट ने कहा था डेटा जमा करने
बता दें कि चुनावी बांड योजना मामले में अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से प्राप्त दान का विवरण ईसीआई को बताने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अब ईसीआई को 30 सितंबर, 2023 तक की अगली अवधि के लिए ऐसे डेटा को एकत्रित करने का निर्देश दिया है।
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