दिल्ली की दमघोंटू हवा से निपटने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम, क्या है मौजूदा स्थिति ?
Delhi Air: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में लगातार खराब होती हवा की वजह से दिल्ली के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बढ़ते प्रदूषण के हालातों से निपटने के लिए शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई है. शुक्रवार सुबह दिल्ली में AQI 346 दर्ज किया गया.
AQI 400 के पार
केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी यानी कि दिल्ली में AQI 400 के पार पहुंचने के मद्देनजर गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों और डीजल से चलने वाले ट्रकों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
और बढ़ेगा प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा से संबंधित बैठक में, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने आशंका जाहिर की है कि प्रदूषण का स्तर अगले दो हफ्ते में अभी और बढ़ सकता है.
सीएक्यूएम क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने वाला एक वैधानिक निकाय है.
ऐसे मापा जाता है AQI
आपको बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक में 0-50 के बीच को अच्छा, 51-100 के बीच को संतोषजनक, 101-200 के बीच को मध्यम, 201-300 के बीच को खराब, 301-400 के बीच को बेहद खराब, 401 से 500 के बीच को गंभीर और इससे ऊपर को ख़तरनाक माना जाता है.
गुरूवार रात 10 बजे एयर क्वालिटी 422 पर पहुंच गई थी, जो इस मौसम का अब तक का सबसे खराब स्तर है.
Delhi Air: 2020 के बाद सबसे खराब स्थिति
समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के अनुसार, अगले दो दिन दिल्ली-एनसीआर की एयर क्वालिटी और खराब होने की आशंका जताई है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता साल 2020 के बाद से 2023 में सबसे ज़्यादा ख़राब आंकी गई है और मौसम वैज्ञानिक इसकी वजह कम बारिश बता रहे हैं.
कम बारिश है वजह
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 में 129 मिमी बारिश हुई थी, अक्टूबर 2021 में 123 मिमी बारिश हुई जबकि अक्टूबर 2023 में सिर्फ़ 5.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई.
बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर पीएम 2.5 का जमाव 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना के ऊपर चला गया.
Delhi Air: पराली का 25 प्रतिशत योगदान
वहीं पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिक मेट्रोलॉजी के मुताबिक दिल्ली में बृहस्पतिवार को पीएम 2.5 के पॉल्यूशन में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का योगदान 25 प्रतिशत रहा. इसके शुक्रवार को 35 फ़ीसदी तक जाने की आशंका जताई गई है.