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SC ने IAS रोहिणी सिंधुरी द्वारा IPS डी रूपा के खिलाफ Defamation Case पर लगा दी रोक

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Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर को आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी द्वारा आईपीएस अधिकारी डी रूपा मौदगिल के विरुद्ध शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की बेंच ने कर्नाटक स्थित वरिष्ठ सिविल सेवकों को मीडिया से बात नहीं करने का भी निर्देश दिया। बेंच ने अपने निर्देश में कहा, “इस याचिका का आपराधिक मामला आगे नहीं बढ़ेगा… इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि हम पक्षों के बीच लंबित सभी विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं, उनमें से कोई भी मीडिया, सोशल मीडिया को कोई साक्षात्कार या कोई जानकारी नहीं देगा।‘’

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Defamation Case: 12 जनवरी 2024 को अगली सुनवाई

शीर्ष अदालत ने इस साल अगस्त में पारित कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मोदगिल की अपील पर सुनवाई कर रहा था। आदेश में, उच्च न्यायालय ने सिंधुरी द्वारा मौदगिल के खिलाफ शुरू किए गए आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इस साल 18 फरवरी को सिंधुरी को पता चला कि मोदगिल ने फेसबुक पोस्ट में उनके खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। इन पोस्ट में मौदगिल ने सिंधुरी पर साथी आईएएस अधिकारियों के साथ अपनी निजी तस्वीरें साझा करने का आरोप लगाया था।

Defamation Case: दोनों अधिकारियों का किया गया स्थानांतरण

दोनों अधिकारियों के बीच सार्वजनिक विवाद के बाद राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया। 21 फरवरी को रोहिणी सिंधुरी ने मौदगिल को एक कानूनी नोटिस जारी किया और अपनी प्रतिष्ठा और मानसिक पीड़ा के नुकसान के लिए बिना शर्त माफी और 1 करोड़ के मुआवजे की मांग की। 24 मार्च को, बेंगलुरु की एक अदालत, जो सिंधुरी द्वारा दायर निजी मुकदमे की सुनवाई कर रही थी, ने रूपा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला शुरू करने का आदेश दिया।

Defamation Case: शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया

13 दिसंबर, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शामिल पक्षों के उच्च स्तर को देखते हुए मध्यस्थता की सिफारिश की। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की थी कि ऐसे अधिकारियों के बीच सार्वजनिक झगड़ों से प्रशासन और उसकी छवि खराब होगी। न्यायमूर्ति ओका ने दोनों अधिकारियों को ‘कीचड़ उछालने’ से बचने की भी सलाह दी। एक दिन बाद, 14 दिसंबर, गुरुवार को शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि आईपीएस अधिकारी एक हलफनामा दें कि वह सिंधुरी के खिलाफ सभी सोशल मीडिया पोस्ट हटा देंगी और माफी मांगेंगी ताकि मामला सुलझ सके।

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