Air Pollution: ‘ODD-EVEN SCHEME’ है सिर्फ दिखावा, नहीं मिले इसके ठोस परिणाम- SC
Air Pollution: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार, 08 अक्टूबर को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा कि क्या वह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक अधिक कदम उठाते हुए अन्य राज्यों से दिल्ली में टैक्सियों के प्रवेश को नियंत्रित कर सकती है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि दिल्ली में चलने वाली बड़ी संख्या में ऐप-आधारित टैक्सियाँ अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं और वे अक्सर केवल एक यात्री को लेकर दिल्ली में प्रवेश करती हैं। कोर्ट ने कहा, “हम यह भी ध्यान दे सकते हैं कि दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐप आधारित टैक्सियां हैं जिनका पंजीकरण विभिन्न राज्यों में है। अगर हम सड़कों को देखें, तो प्रत्येक टैक्सी केवल एक यात्री को ले जा रही है।”
Air Pollution: ऐप आधारित टैक्सी को करे नियंत्रित
कोर्ट ने अब सुझाव दिया है कि ऐसे वाहनों के प्रवेश की निगरानी की जाय जो केवल एक यात्री को लेकर प्रवेश करती है। इसके लिए केवल दिल्ली में पंजीकृत टैक्सियों को ही दिल्ली में चलने की अनुमति दी जाए, विशेषकर त्योहारी सीजन को देखते हुए। इसपर कोर्ट ने कहा, “हम जानना चाहेंगे कि क्या निगरानी का कोई तरीका है, विशेष रूप से इस अवधि के दौरान, जब केवल दिल्ली में पंजीकृत टैक्सियों को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक अतिरिक्त उपाय के रूप में चलने की अनुमति दी जाती है।”
प्रदूषण को लेकर कर रहा था सुनवाई
बता दें कि न्यायालय विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित एक मामले में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के संबंध में एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई ऑड-ईवन योजना बिना किसी ठोस परिणाम के “महज दिखावा” थी। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा, “क्या आपने मूल्यांकन किया है कि पिछले सालों में यह कैसे काम करता था? ऐसी योजनाएं केवल दिखावा हैं,”
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