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दिल्ली में बंद हुई Afghan Embassy, जानें क्या है वजह

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आतंकवादी हरदीप सिंह नज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद जारी है। भारत के खिलाफ महत्वपूर्ण आरोपों के बावजूद, कनाडा ने भारत को कोई ठोस सबूत साझा या जारी नहीं किया है। इस बीच अफगानिस्तान ने भारतीय दूतावास बंद कर दिया है। अफगान दूतावास ने शनिवार को एक बयान जारी कर घोषणा की कि वह भारत सरकार से समर्थन और संसाधनों की कमी के कारण 1 अक्टूबर से भारत में अपनी गतिविधियों को निलंबित कर देगा।

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अफगानिस्तान में सत्ता तालिबान के हाथ में है

बयान में आगे कहा गया कि अफगानिस्तान को मेजबान सरकार से कोई विशेष सहयोग नहीं मिला। अफगान दूतावास ने भारत में अपना दूतावास बंद करने की घोषणा की है क्योंकि अफगानिस्तान और उसके लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में सत्ता फिलहाल तालिबान के हाथ में है। 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान में अशरफ गनी को अपदस्थ कर देश पर कब्जा कर लिया था।

हम अपने काम में असफल हो गये हैं – मामुंदजई

अफगानिस्तान में भारत के इंचार्ज एंबेसेडर फरीद मामुंदजई तीन साल से भारत में काम कर रहे हैं। उन्होंने तालिबान सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया कि वह अपना काम पूरा नहीं कर सकते। तालिबान की ओर से कोई राजनयिक समर्थन या सहायता नहीं मिली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, फ़रीद उनके नियुक्त इंचार्ज हैं, लेकिन तालिबान सरकार का कहना है कि मामुंदजई उनके इंचार्ज नहीं हैं और उनके द्वारा नियुक्त नहीं किए गए हैं।

भारत और तालिबान के बीच रिश्ते खराब करने की साजिश

सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार अफगान राजनयिक से काफी नाराज है। सूत्रों के मुताबिक, मामुंदजई तालिबान और भारत सरकार के बीच तनाव पैदा कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, मामुंदजई  अफगानिस्तान में पूर्व गनी सरकार के नेताओं को भारत ला रहे हैं। वह यह संदेश देना चाहते थे कि भारत गनी सरकार के नेताओं का समर्थन करता है।

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