कॉरीडोर से बदलेगी वृंदावन की सूरत, ठाकुरजी के दर्शन में होगी सहूलियत
Banke Bihari Corridor: बृज की पहचान इसकी कुंज गलियां ही हैं। इन्हीं कुंज गलियों में कुंज बिहारी जी ने कई लीलाएं भी की हैं। लेकिन अब वृंदावन में ठाकुर जी के भक्तों को इन कुंज गलियों से गुजरने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। भक्तों की नित प्रति बढ़ रही संख्या से ठाकुर जी के दर्शन को लालायित लोगों को धक्का मुक्की के बीच से गुजरना पड़ता है। कई बार हो इतनी भीड़ हो जाती है कि बच्चे और बुजुर्ग चाह कर भी अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर पाते। वहीं भगदड़ और हादसे का अंदेशा भी बना रहा है। इसी का हल ढूंढने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक कदम और उठाया है। बजट में गलियारे के लिए 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
एक साथ दस हजार श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
बताया जाता है कि यह गलियारा बनने से एक साथ दस हजार श्रद्धालु अपने आराध्य का दर्शन लाभ ले सकेंगे। वहीं जब भक्तों की संख्या और बढ़ेगी तो बृज में होटल, कंठी माला, पोशाक और ठाकुर जी के श्रृंगार के सामान के कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी। दरअसल वृंदावन आने वाले कई भक्त पूरा बृज घूमने की इच्छा से आते हैं। ऐसे में पूरे बृज में यह कारोबार बढ़ने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता।
व्यापार में ही होगी प्रगति
लाला की नगरी में बनने वाला यह गलियारा बृज में व्यापार की प्रगति के रास्ते भी खोलेगा। प्रदेश सरकार ने यह बजट गलियारे के लिए होने वाले भूमि अधिगृहण के मद में ही दिया है। इससे एक बार फिर उम्मीद जगी है कि जल्द ही गलियारे का कार्य शुरू होगा। वृंदावन में 285 भवनों का चिह्नांकन तो पहले ही चुका है।
हवा हवाई नहीं है अनुमान
श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद भी हवा हवाई नहीं है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरीडोर और उज्जैन में महाकाल धाम के भव्य निर्माण के बाद यहां भक्तों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। गलियारा बनने की बात ने तब जोर पकड़ा था जब 2022 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी की मंगला आरती के समय भगदड़ मचने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। वर्तमान की बात करें तो वृंदावन में वीक डेज में तकरीबन डेढ़ से दो लाख और शनिवार-रविवार में तकरीबन तीन लाख तक भक्त आतें हैं।
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