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श्रीलंका में हालात बेकाबू होता देख रानिल विक्रमसिंघे को बनाया गया कार्यवाहक राष्ट्रपति

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका पिछले कुछ महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में आर्थिक संकट के बीच विरोध प्रदर्शन भी काफी जोरों से लोगों के बीच देखने को मिल रहा है। बता दें वहां की जनता का गुस्सा इस कदर बढ़ गया है की लोगों ने दो दिन पूर्व वहां के राष्ट्रपति आवास का घेराव कर डाला था। जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ गया है। ऐसे में जब से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद से श्रीलंका में हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। इसी बीच प्रदर्शनकारी संसद और पीएम कार्यालय तक पहुंच गए हैं।

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श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए यहां आपातकाल लागू कर दिया गया है। इसी के साथ उन्हें रोकने के लिए सुरक्षाकर्मीयों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े हैं। फिलहाल हालात को बिगड़ता देख पूर्व प्रधानमंत्री और संसद सदस्य रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है। फिलहाल विरोध प्रदर्शन और झड़प के बीच देश में इमरजेंसी का ऐलान हो गया है।

विक्रमसिंघे को बनाया गया कार्यवाहक राष्ट्रपति

श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री और संसद सदस्य रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है। वहां के हालात बेकार होता देख फिलहाल के लिए विक्रमसिंघे का राष्ट्रपति का कार्यभार संभालना होगा। बता दें श्रीलंका के संविधान के अनुसार अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा देते हैं, तो संसद का अध्यक्ष अधिकतम 30 दिनों के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना होगा।

हालांकि खबरों के अनुसार संसद अपने सदस्यों में से 30 दिनों के भीतर एक नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी, जो वर्तमान कार्यकाल के शेष दो वर्षों के लिए राष्ट्रपति पद पर बैठेगा। इसी के साथ श्रीलंकाई सेना ने भी अपने नागरिकों के सामने हथियार नीचे कर दिए हैं। कुछ जगहों पर बेशक पुलिस और जनता के बीच झड़प हुई है। लेकिन इस विरोध में सभी कोई पिस्ता हुआ नजर आ रहा है।

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