Uttar Pradesh: असम में विवाह और तलाक कानून के बदलाव पर सपा नेता का बड़ा बयान, कह डाली ये बात

Samajwadi party leader ST Hassan on muslim marriage act
Uttar Pradesh: असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने मुसलमानों द्वारा विवाह और तलाक के पंजीकरण से जुड़े 89 साल पुराने कानून को रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि इन कानूनों के रद्द होने पर सरकार का UCC की तरफ कदम बढ़ता जा रहा है। वहीं अब इस फैसले को लेकर Uttar Pradesh समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद एसटी हसन ने बड़ा बयान दिया है।
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बता दें, कि इस फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद एसटी हसन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “सरकार कानूनों में बदलाव कर रही है। लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि मुसलमान शरिया और कुरआन के हिसाब से ही चलेगा। और हम हजारों वर्षों से इन कानूनों को मानते आ रहे हैं और आगे भी मानते रहेंगे।”
असम के कानूनों में हुआ ये बदलाव
शुक्रवार देर रात हुई असम सरकार की कैबिनेट बैठक में मुसलमानों द्वारा विवाह और तलाक के पंजीकरण से जुड़े 89 साल पुराने कानून को रद्द करने का फैसला किया था। इस अधिनियम में मुस्लिम विवाह और तलाक के स्वैच्छिक पंजीकरण का प्रावधान था और सरकार को एक मुस्लिम व्यक्ति को ऐसे पंजीकरण के लिए आवेदन पर मुस्लिम विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के लिए अधिकृत करने वाला लाइसेंस प्रदान करना होता था।
जानिए असम की कानून में क्या हुआ बदलाव?
वहीं पर्यटन मंत्री बरुआ ने कहा कि आज के इस फैसले के बाद असम में अब इस कानून के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक को पंजीकृत करना संभव नहीं होगा। साथ ही हमारे पास पहले से ही एक विशेष विवाह अधिनियम है और हम चाहते हैं कि सभी विवाह इसके प्रावधानों के तहत पंजीकृत हों। उन्होंने यह भी बताया कि असम में वर्तमान में 94 अधिकृत व्यक्ति हैं जो मुस्लिम विवाह और तलाक का पंजीकरण कर सकते हैं। हालांकि कैबिनेट के फैसले के साथ, जिला अधिकारियों द्वारा इसके लिए निर्देश जारी करने के बाद उनका अधिकार समाप्त हो जाएगा।
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