
Punjab News : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए शुरु की मुहिम के दौरान अमृतसर कमिशनरेट पुलिस ने पाकिस्तान के आईएसआई- समर्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के संचालक जीवन फौजी के दो साथियों को गिरफ़्तार करके उसके द्वारा चलाए जा रहे आतंकवादी और जबरन वसूली माड्यूल के सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया है. यह जानकारी डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी.
गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान तरन तारन के वैरोवाल के कारजप्रीत सिंह उर्फ कारज (23) और तरनतारन के गोइन्दवाल साहिब के गुरलाल सिंह उर्फ हरमन (23) के तौर पर हुई है. पुलिस टीमों ने उनके पास से 30 बोर के पिस्तौल समेत एक जिंदा कारतूस बरामद करने के अलावा अपराध में इस्तेमाल कि गई मोटरसाईकल भी जब्त किया है.
जबरन वसूली का रैकेट चला रहा है
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि जीवन फौजी – एक सक्रिय बीकेआई मैंबर है जो पंजाब के सरहदी जिलों में व्यक्तियों को निशाना बना कर जबरन वसूली का रैकेट चला रहा है.
उन्होंने बताया कि जीवन फौजी ने कारजप्रीत और गुरलाल को 30 बोर का पिस्तौल मुहैया करवाया था और उनको अमृतसर क्षेत्र में एक फर्नीचर की दुकान पर गोलीबारी करने का निर्देश दिया था. उन्होंने बताया कि यह गोलीबारी जबरन वसूली की कोशिश का हिस्सा था, जिसमें जीवन फौजी ने कैनेडा स्थित दुकान मालिक के रिश्तेदार से फिरौती की माँग की थी.
डीजीपी ने बताया कि इस आतंकवादी नैटवर्क का मुकम्मल तौर पर पर्दाफाश करने के लिए इस मामले के अगले- पिछले सम्बन्ध स्थापित करने के लिए और जांच जारी है.
दोनों मुलजिमों को तरन तारन और फाजिल्का को गिरफ्तार किया गया
इस आपरेशन के बारे जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर चलाए आपरेशन के दौरान दोनों मुलजिमों को तरन तारन और फाजिल्का के इलाकों से गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि सुल्तानविंड इलाके में फॉलो- अप रिकवरी आपरेशन के दौरान दोषी गुरलाल सिंह ने छिपाया हुआ हथियार बरामद किया और पुलिस पार्टी पर गोली चलाने की कोशिश की. पुलिस पार्टी ने आत्म-रक्षा के तौर पर जवाबी कार्यवाही की, जिसके नतीजे के तौर पर गुरलाल की बांयी टांग में गोली लग गई. उन्होंने कहा कि जख़्मी को तुरंत सिवल अस्पताल अमृतसर भेज दिया गया, जहाँ वह उपचाराधीन है.
डराने और जबरन पैसे वसूलने का काम कर रहे थे
सीपी ने बताया कि जांच से पता लगा है कि उक्त दोषी जीवन फौजी के इशारों पर स्थानीय लोगों को डराने और जबरन पैसे वसूलने का काम कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि पूरे नैटवर्क का पर्दाफाश करने और अन्य संबंधों का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं.
इस सम्बन्धी एफआईआर नंबर 88 तारीख 17- 05- 2025 को अमृतसर के थाना बी-डिविजन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 109, 324(4) और 3 (5) और हथियार एक्ट की 25 और 27 के अंतर्गत पहले ही दर्ज की जा चुकी है.
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