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पंजाब-केरल पशुपालन में ऐतिहासिक सहयोग, जेनेटिक सामग्री का आदान-प्रदान कर किसानों को सशक्त बनाने का लक्ष्य

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  • पंजाब और केरल ने पशुपालन में सहयोग किया
  • जेनेटिक सामग्री का आदान-प्रदान होगा
  • उन्नत प्रजनन तकनीकों पर संयुक्त प्रयास होंगे
  • मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण पर जोर
  • किसानों को बेहतर लाभ और उत्पादन मिलेगा

Punjab News : उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी नस्ल के पशु तैयार करने और किसानों को खुशहाल बनाने के उद्देश्य से पंजाब और केरल राज्यों ने पशुपालन क्षेत्र में एक-दूसरे की विशेष क्षमताओं का लाभ उठाकर पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने हेतु एक ऐतिहासिक समझौता किया है. इस रणनीतिक सहयोग में उच्च-गुणवत्ता वाली जेनेटिक सामग्री का आदान-प्रदान शामिल है, जिसके तहत केरल पंजाब से साहिवाल नस्ल के सांड खरीदेगा. इसके बदले पंजाब को केरल से होल्सटीन फ्राजियन (एच.एफ.) और मुर्रा नस्ल के सांडों का सीमेन मिलेगा. पंजाब ने केरल पशुधन विकास बोर्ड से एच.एफ. सीमेन की 30,000 खुराकों और मुर्रा भैंस सीमेन की 60,520 खुराकों की शुरुआती खेप का ऑर्डर दिया है.

पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए ये निर्णय पंजाब सिविल सचिवालय में पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और केरल की पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्रीमती जे. चिंचू रानी के बीच हुई उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान लिए गए.

उन्नत प्रजनन तकनीकों पर संयुक्त प्रयास

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि पंजाब और केरल अच्छी नस्ल का पशुधन तैयार करने के लिए उन्नत प्रजनन तकनीकों पर सहयोग करने पर सहमत हुए हैं. इस साझेदारी में तेजी से नस्ल सुधार के लिए एम्ब्रियो ट्रांसफर (ई.टी.) और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आई.वी.एफ.) जैसे अत्याधुनिक वैज्ञानिक कार्यक्रमों पर संयुक्त प्रयास करना शामिल हैं. इसके अलावा, दोनों राज्य बेहतर पशुधन जीन विकसित करने के लिए प्रयोगशाला स्तर पर जीनोमिक चयन और प्रजनन मूल्यांकन पर भी मिलकर काम करेंगे, उन्होंने आगे कहा कि इस सहयोग का उद्देश्य दोनों राज्यों में पशुओं की गुणवत्ता और उत्पादकता को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान और तकनीक का लाभ उठाना है.

मानव संसाधन विकास पर जोर

पंजाब के पशुपालन मंत्री ने कहा कि ज्ञान और क्षमता निर्माण में वृद्धि के लिए पंजाब और केरल के बीच यह साझेदारी पशु चिकित्सकों, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों के लिए आदान-प्रदान कार्यक्रमों के माध्यम से मानव संसाधन विकास को प्राथमिकता देगी. यह पहल क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेगी तथा पंजाब पशुधन विकास बोर्ड (पीएलडीबी) और केरल पशुधन विकास बोर्ड (केएलडीबी) के बीच कौशल विकास एवं विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगी.

किसानों को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य

इस समझौते के पीछे के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि यह सिर्फ एक साझेदारी नहीं बल्कि पशुपालन क्षेत्र में उत्तर और दक्षिण भारत की क्षमताओं के आदान-प्रदान के लिए एक पुल है, उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य स्थानीय नस्लों में पंजाब की उत्कृष्टता, उच्च उत्पादन वाली क्रॉस-ब्रीड्स में केरल की विशेषज्ञता और उन्नत प्रबंधन पद्धतियों को जोड़कर ऐसा वातावरण बनाना है, जिससे हमारे किसानों को जमीनी स्तर पर लाभ मिले.

श्रीमती जे. चिंचू रानी ने कहा कि केरल अपनी विशेषज्ञता साझा करते हुए पंजाब के अनुभव से सीखने के लिए उत्सुक है और यह सहयोग दोनों राज्यों के लिए अधिक विकसित और लाभदायक डेयरी क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे हमारे किसान समुदाय की आय भी बढ़ेगी.

किसानों को लाभ की उम्मीद

तकनीकी हस्तांतरण के महत्व पर जोर देते हुए पंजाब के पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने कहा कि वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता और नई तकनीकों का आदान-प्रदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा कि यह साझेदारी इन नए अभ्यासों को तेजी से साझा करते हुए हमारे किसानों के लिए जमीनी स्तर पर लाभ सुनिश्चित करेगी. यह पहल सहायक कृषि व्यवसायों के लिए अंतर-राज्यीय सहयोग का एक नया मानक स्थापित करेगी, उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह साझेदारी पशुओं के जेनेटिक गुणों में सुधार, दूध उत्पादन में वृद्धि और पंजाब व केरल के किसानों को सशक्त बनाने में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी.

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