Maharashtra : मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे का प्रदर्शन शुरू, राज्य सरकार को बताया क्रूर और असंवेदनशील

Maharashtra : मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे का प्रदर्शन शुरू, राज्य सरकार को बताया क्रूर और असंवेदनशील
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Maharashtra : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने हजारों अन्य लोगों के साथ मिलकर महाराष्ट्र (Maharashtra) के जालना से लेकर मुंबई तक विरोध प्रदर्शन शुरू किया। उनका यह प्रदर्शन अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर है।

जरांगे ने क्या कहा?

मार्च शुरू करने से पहले जरांगे ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने राज्य सरकार को क्रूर और असंवेदनशील व्यवहार के लिए लताड़ लगाई। जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने में नाकाम रही। इसके साथ ही उन्होंने अंतिम सांस तक इस लड़ाई को जारी रखने की कसम खाई है।

मैं पीछे नहीं हटूंगा – जरांगे   

यह प्रदर्शन मार्च जरांगे के पैतृक गांव अंतरवाली सारती गांव से 11 बजे शुरू हुई। जरांगे ने कहा कि आरक्षण के लिए मराठा समुदाय ने सरकार को सात महीने का समय दिया था। लेकिन, इसपर कोई कदम नहीं उठाया गया। मैं इस प्रदर्शन को अपनी आखिरी सांस तक जारी रखूंगा। जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती मैं पीछे नहीं हटूंगा।

सरकार और अन्य मंत्रियों की आलोचना की   

जरांगे ने मराठा युवाओं द्वारा आत्महत्या में वृद्धि का हवाला देते हुए राज्य सरकार और अन्य मंत्रियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मराठा युवा आरक्षण के मुद्दों पर अपनी जान दे रहे हैं। लेकिन, सरकार अब भी कुछ नहीं कर रही। सरकार इतनी क्रूर और असंवेदनशील कैसे हो सकती है? जरांगे ने एक किस्सा सुनाने हुए कहा कि छत्रपति संभाजीनगर जिले के एक व्यक्ति ने बताया कि आरक्षण के कारण उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर वह अपने समुदाय के लोगों के साथ बात करेंगे। 25 जनवरी को जरांगे के मुंबई पहुंचने की संभावना है।

फिर गरमाएगा आरक्षण का मुद्दा?

उन्होंने एक घटना के बारे में भी बताया, जिसमें छत्रपति संभाजीनगर जिले के पैठन के रहने वाले मराठा समुदाय के एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनके इकलौते बेटे ने आरक्षण के लिए अपनी जान दे दी।

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