Lynching : ‘हिम्मत है तो होने दो चर्चा!’, राहुल गांधी ने सरकार को ललकारा

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी इन दिनों सरकार पर हमलावर हैं। राहुल गांधी ने ट्वीटर के जरिए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ‘2014 से पहले ‘लिंचिंग’(Lynching) शब्द सुनने में भी नहीं आता था’।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राहुल के ट्वीट का जबाव देते हुए कहा, राहुल गांधी को याद करना चाहिए कि दिल्ली में हमारे सिख भाइयों को किस प्रकार से बांध-बांधकर मारा गया था। 1989 में भागलपुर में दंगे हुए। भूल गए, ये लिंचिंग(Lynching) उन्हें 2014 के बाद याद आया है, उनके पिता जब प्रधानमंत्री रहे तो उन्होंने कहा कि जब बड़े पेड़ गिरते हैं
तो इस प्रकार की ज़मीन खिसकती है। इस प्रकार के काम ये करते रहते हैं और दुनिया को ये बताने चले हैं” ।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, “राहुल गांधी ने 1984 का नरसंहार देखा है। वे भूल रहे हैं कि लिंचिंग शब्द का ईज़ाद कांग्रेस और वामपंथियों ने ही किया है, वे अपनी ईज़ाद की गई चीज़ों को ही भूल रहे हैं। उनके ऐसे हास्यास्पद बयानों से तो यही लगता है कि या तो वे नासमझ हैं या नासमझ बनने की कोशिश कर रहे हैं”।
1984 में जब राजीव गांधी सत्ता में आए तब हजारों सिखों की हत्याएं की गईं: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी राहुल के ट्वीट पर पलटवार किया है। अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘लिंचिंग का बड़ा उदाहरण तो 1984 में जब राजीव गांधी सत्ता में आए, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जिस तरह से हजारों सिखों की हत्याएं की गईं। उस समय की लिंचिंग की घटनाओं पर कांग्रेस से किसी बड़े नेता ने माफी नहीं मांगी’।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘आज जब राहुल गांधी से लिंचिंग मामले पर मीडिया द्वारा सवाल किए गए, जिन शब्दों का प्रयोग उन्होंने मीडिया के लिए किया वह आज इमरजेंसी की याद करवाता है जो कांग्रेस के समय थी’।
बता दें बीते दिनों राहुल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए एक और ट्वीट किया था, जिसमें राहुल गांधी ने लिखा, ये कैसी सरकार है जिसे सदन को सँभालना नहीं आता?। ट्वीट में आगे उन्होंने महंगाई, लखीमपुर, MSP, लद्दाख़,पेगासस और निलंबित सांसद मुद्दों पर चर्चा को लेकर सरकार को ललकारा है। उन्होंने कहा, हिम्मत है तो चर्चा होने दे सरकार।