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महुआ मोइत्रा ने कार्टून शेयर कर आचार समिति पर कसा तंज

New Delhi: संसद में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने के आरोपों का सामना कर रहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर एथिक्स कमेटी के प्रति अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया है। सनद रहे कि आरोपों की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है।

महुआ मोइत्रा ने एक्स पर किया कार्टून पोस्ट

महुआ मोइत्रा ने अपने एक्स अकाउंट पर एक कार्टून पोस्ट किया। जिसकी पंक्ति थी जब तक आप दूसरी तरफ न हों, तब तक नैतिकता बनाए रखें। इसे उस एथिक्स कमेटी पर सीधे हमले के रूप में देखा जा रहा है, जिसने उनके कथित गलतियों पर रिपोर्ट को अपनाया था।

https://twitter.com/MahuaMoitra/status/1723025713530294758

कार्टून में क्या है?

कार्टून में महुआ मोइत्रा को बीजेपी के पार्टी चिन्ह कमल की नक्काशी वाली एक खाली चेयर के पास बैठे दिखाया गया है। जहां महुआ मोइत्रा के सामने विपक्ष की नेमप्लेट थी, वहीं खाली चेयर पर सत्तारूढ़ की नेम प्लेट थी।

ओम बिरला को भेजा जा चुका है रिपोर्ट

आचार समिति ने शुक्रवार को लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को इस मामले में महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी मसौदा रिपोर्ट सौंपी। इस मामले की जांच कर रहे एथिक्स पैनल द्वारा अपनी 479 पेज की रिपोर्ट को अपनाने के एक दिन बाद यह बात सामने आई है। जिसमें महुआ मोइत्रा को उनके अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण के मद्देनजर लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। सनद रहे कि रिपोर्ट को 6:4 के बहुमत से अपनाया गया है।

निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था। जिसकी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। इसके बाद एक कमेटी गठित की गई थी। इस पन्द्रह सदस्यीय कमेटी में भाजपा के 7, कांग्रेस के 3 और बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक मेम्बर हैं।

महुआ ने किया है गंभीर अपराध

आचार समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि महुआ ने अनधिकृत लोगों के साथ यूजर आईडी साझा की। कारोबारी हीरानंदानी से नकदी और अन्य सुविधाएं ली। जो कि एक गंभीर अपराध है। आचार समिति की ओर से गंभीर सज़ा की मांग की गई है।

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