
Maharashtra : राहुल गांधी ने संविधान सम्मान सम्मेलन’ को संबोधित किया। इस दौरा राहुल गांधी ने RSS और भाजपा पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि जब RSS और भाजपा के लोग इस (संविधान) पर आक्रमण करते हैं, तो वे सिर्फ इस किताब पर आक्रमण नहीं कर रहे, वे हिंदुस्तान की आवाज़ पर आक्रमण कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि हमने जातिगत जनगणना का नाम दिया है, पर इसका असली मतलब न्याय है। मेरी सोच है कि बिना शक्ति और धन के आदर का कोई मतलब नहीं है
उन्होंने कहा कि जब RSS और भाजपा के लोग इस (संविधान) पर आक्रमण करते हैं, तो वे सिर्फ इस किताब पर आक्रमण नहीं कर रहे, वे हिंदुस्तान की आवाज़ पर आक्रमण कर रहे हैं। हमारे संस्थान संविधान से बने हैं। अगर संविधान नहीं होता, तो कोई चुनाव आयोग नहीं होता। RSS इस (संविधान) पर सीधे आक्रमण नहीं कर सकती। अगर वे इसके खिलाफ सामने से लड़ेंगे, तो वे 5 मिनट में हार जाएंगे। विकास’, ‘प्रगति’ और ‘अर्थव्यवस्था’, वे इन शब्दों के पीछे छिपकर आक्रमण करने आते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि हम हर सम्मेलन में अंबेडकर जी, गांधी जी, साहू महाराज जी समेत कई महान लोगों के बारे में बात करते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि जब हम इनकी बात करते हैं तो सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं होती। क्योंकि इन महापुरुषों की बातों में भी करोड़ों लोगों की आवाज रहा करती थी। वे जब बोलते थे तो दूसरों का दुख, दर्द उनके मुंह से निकलता था।
‘अंबेडकर, गांधी जी ने कभी अपना दर्द नहीं देखा’
उन्होंने कहा कि जब आप अंबेडकर की किताबें पढ़ेंगे तो साफ दिखेगा कि वे अपनी नहीं, दूसरों की बात कर रहे हैं। अंबेडकर, गांधी जी ने कभी अपना दर्द नहीं देखा, वे सिर्फ लोगों के दर्द की बात करते हैं। जब हिंदुस्तान ने अंबेडकर जी से संविधान बनाने के लिए कहा, तो इसका मतलब था- संविधान में देश के करोड़ों लोगों का दर्द और उनकी आवाज गूंजनी चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान के पीछे की सोच हजारों साल पुरानी है। इसमें जो लिखा है, वही भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, फुले जी जैसे अनेक महापुरुषों ने कही है। इसमें लिखा है कि सभी के बीच समानता होनी चाहिए, हर धर्म, हर भाषा, हर जाति का आदर होना चाहिए।
उन्होंने जाति जनगणना पर बात करते हुए कहा कि जनता की बात सुनते वक्त मेरे पास एक छोटी सी आवाज आई- जातिगत जनगणना। लेकिन फिर धीरे-धीरे ये आवाज बड़ी हो गई। इसे हमने जातिगत जनगणना का नाम दिया है, पर इसका असली मतलब न्याय है। मेरी सोच है कि बिना शक्ति और धन के आदर का कोई मतलब नहीं है।
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