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अक्षय शिंदे एनकाउंटर मामले में पांच पुलिसवालों पर दर्ज होगी एफआईआर, बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिए आदेश

Maharashtra : महाराष्ट्र के बदलापुर में यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। मजिस्ट्रेट की जांच में अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के दौरान पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। यह जांच रिपोर्ट सोमवार (20 जनवरी) को बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रस्तुत की गई।

मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मृतक के साथ झगड़े के दौरान पांच पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किया गया बल अनुचित था, और ये पांच पुलिसकर्मी ही अक्षय शिंदे की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस द्वारा पेश की गई बंदूक पर मृतक के उंगलियों के निशान नहीं पाए गए, जबकि पुलिस का कहना था कि उसने उसी बंदूक से गोली चलाई थी।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों का यह निजी बचाव कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई अनुचित है और संदेह के घेरे में है।

अक्षय शिंदे को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था

बता दें कि अक्षय शिंदे को अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह स्कूल में अटेंडेंट था सितंबर में तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय शिंदे की एनकाउंटर में मौत हो गई।

हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी

पुलिस ने तब यह दावा किया था कि उसने पुलिस वैन में सवार एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोलियां चलाईं और जवाबी गोलीबारी में अक्षय शिंदे मारा गया। कानून के तहत उन मामलों में मजिस्ट्रेट जांच शुरू की जाती है जहां पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत हो जाती है।

इस एनकाउंटर पर संदेह जताते हुए अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें अक्षय शिंदे के पिता ने दावा किया था कि उनके बेटे को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मारा है।

जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि वैन में मौजूद पांच पुलिसकर्मी आरोपी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। खंडपीठ ने कहा कि कानून के मुताबिक अब पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जांच की जाएगी। अदालत ने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से कहा कि वे दो हफ्ते में पीठ को बताएं कि इस मामले की जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी।

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