मंत्री न बनाए जाने के बाद सीएम से मिले छगन भुजबल, नाराजगी की खबरों का किया खंडन

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Maharashtra: इससे पहले वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र सरकार की नई मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने को लेकर अजित पवार पर निशाना साधा था। छगन भुजबल ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के पक्ष में थे।

एनसीपी नेता छगन भुजबल ने सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इसेक बाद से ही सियासी गलियारे में अटकलें लगाई जाने लगीं कि क्या छगन भुजबल बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, सीएम आवास पर हुई मुलाकात के बाद छगन भुजबल ने कहा कि मैं किसी से नाराज नहीं हूं। मैंने पहले भी इस बात को कह चुका हूं। मैंने सीएम से मुलाकात की और उन्हें महायुति की जीत में ओबीसी मतदाताओं की भूमिका के बारे में बताया।

सीएम देवेंद्र फडणवीस से की मुलाकात

एनसीपी नेता छगन भुजबल ने बताया कि आज मैं और समीर भुजबल ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। हमें यह बात माननी होगी कि चुनाव में मिली बड़ी जीत में ओबीसी समुदाय की बड़ी भूमिका है। हम किसी भी प्रकार से ओबीसी समुदाय का नुकसान नहीं होने देंगे। मौजूदा घटनाक्रमों को लेकर मैंने सीएम से कुछ दिनों का समय मांगा है। इसके बाद हम फिर मिलेंगे और कोई रास्ता जरूर निकालेंगे। आने वाले दस से 12 दिनों में कोई न कोई समाधान तो जरूर ही निकलेगा।

अजित पवार कभी भी पीछे नहीं हटेगा

इससे पहले बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने पहली बार छगन भुजबल पर निशाना साधा था।अजित पवार ने कहा था कि कुछ लोगों को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया तो नाराजगी जता रहे हैं। कभी-कभी नए लोगों को मौका देना पड़ता है। गलतफहमी पैदा करके बयानबाजी करना ठीक नहीं है। कभी-कभी पुराने लोगों को कोई और मौका देने के बजाय केंद्र में कैसे मौका दे सकते हैं? इस पर विचार करना पड़ता है। जिनको मान-सम्मान देना है, उनके लिए अजित पवार कभी भी पीछे नहीं हटेगा।

अजित पवार पर निशाना साधा था

कुछ दिन पहले ही छगन भुजबल ने महाराष्ट्र सरकार की नई मंत्रिपरिषद से बाहर किए जाने को लेकर अजित पवार पर निशाना साधा था। छगन भुजबल ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के पक्ष में थे। छगन ने एक्स पर भी लिखा था, ‘जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना।

छगन भुजबल ने दावा किया था

ओबीसी नेता ने कहा था कि वह मंत्री नहीं बनाए जाने से निराश नहीं हैं, लेकिन अपने साथ हुए व्यवहार से अपमानित महसूस कर रहे हैं। नासिक में मीडिया से बात करते हुए छगन भुजबल ने दावा किया था कि उन्हें मई में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन उनके नाम को फाइनल नहीं किया गया। येओला सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ हफ्ते बाद भुजबल ने कहा कि हाल ही में उन्हें राज्यसभा सीट की भी पेशकश की गई थी।

मैंने अस्वीकार कर दिया

छगन भुजबल ने कहा था, ‘मैंने नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव स्वीकार कर लिया। इस साल की शुरुआत में जब मैं राज्यसभा में जाना चाहता था, तो मुझे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया। आठ दिन पहले मुझे राज्यसभा सीट की पेशकश की गई थी, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया।’ भुजबल ने पूछा था कि उन्होंने तब मेरी बात नहीं सुनी, अब वे इसे राज्यसभा सीट दे रहे हैं। क्या मैं आपके हाथों का खिलौना हूं? क्या आपको लगता है कि जब भी आप मुझे कहेंगे मैं खड़ा हो जाऊंगा, जब भी आप मुझे कहेंगे मैं बैठ जाऊंगा और चुनाव लड़ूंगा? अगर मैं इस्तीफा दे दूं तो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग क्या महसूस करेंगे।

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