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न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार, अरुण की तलाश जारी

Maharashtra : न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी हितेश मेहता करोड़ों रुपये के अवैध लोन दे कर मोटी कमाई कर रहा था।

महाराष्ट्र में 122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम धर्मेश पौन बताया जा रहा है। धर्मेश पेशे से बिल्डर है और चारकोप में उसके प्रोजेक्ट चल रहे है। इस मामले में उनन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुण भाई नाम के एक शख्स की तलाश मुंबई पुलिस अब भी कर रही है। अरुण पेशे से इलेक्ट्रिक कॉन्ट्रेक्टर है।

अपने व्यापार में किया

ईओडब्ल्यू की जांच में पता चला कि धर्मेश को इस मामले में हितेश मेहता द्वारा घोटाले किये गए 122 करोड़ रुपये में से 70 करोड़ रुपये लिए थे। जिसका प्रयोग उसने कथित तौर पर अपने व्यापार में किया था। ईओडब्ल्यू के सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी जनरल मैनेजर हितेश मेहता से आरोपी धर्मेश ने हाल फिलहाल में मई और दिसंबर 2024 में 1.75 करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 50 लाख रुपए लिए है।

बाद में बेच दिया था

हितेश ने पूछताछ में बताया कि पहले उसने एक फ्लैट खरीदा था और यह फ्लैट उसने धर्मेश के पास से खरीदा था जिसके बाद से दोनों में जान पहचान हो गई थी। धर्मेश से लिए इस फ्लैट को हितेश ने बाद में बेच दिया था।

अपने व्यापार में किया

इस मामले में शनिवार को पुलिस ने हितेश मेहता से लंबी पूछताछ की जिसमें उसने बताया कि उसने घोटाले किए गए पैसों में से 40 करोड़ रुपये अरुण को दिए थे। अरुण ने भी इन पैसों का इस्तेमाल कथित तौर पर अपने व्यापार में किया है।

यह जांच का विषय है

ईओडब्ल्यू के सूत्रों ने बताया कि आरोपी हितेश न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक डिपोजिटर के पैसों का इस्तेमाल अवैध तरीके से लोन देने में कर रहा था। हितेश अपने जान पहचान के लोगों को करोड़ो रुपये दिए थे। ईओडब्ल्यू ने बताया कि ऐसा करके उसे उनसे मुनाफा मिलता था पर कितना मुनाफा मिला है यह जांच का विषय है। आरोपी पूछताछ में सहयोग नही कर रहा है।

जमा राशि का कुल 5 प्रतिशत

बता दे कि हितेश कॉमर्स से ग्रेजुएट है और उसने इस बैंक में नौकरी 1987 से शुरू की हितेश इसी साल अक्टूबर में रिटायर होने वाला था। साल 2002 में वो जनरल मैनेजर और हेड अकाउंटेंट के पद पर नियुक्त हुआ था। सूत्रों ने बताया कि हितेश ने जितने पैसों का घोटाला किया वो बैंक में जमा राशि का कुल 5 प्रतिशत है।

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