
नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार पूरे देश की एकमात्र ऐसी सरकार है जो आउटकम बजट के द्वारा पिछले 5 सालों से लगातार अपने किये गए कामों और सार्वजनिक व्यय को पूरी पारदर्शिता के साथ जनता के सामने रखती है। इस श्रृंखला में शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में सदन के समक्ष वित्त-वर्ष 2021-22 का आउटकम बजट पेश किया।
केजरीवाल सरकार ने लगातार पांचवे साल पेश किया आउटकम बजट
इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि देश की आजादी के 75 सालों में भारत में बहुत सी सरकारे आई लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में दिल्ली सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है जिसने खुद की जबाबदेही तय करते ही इस परम्परा की शुरुआत की और “जो कहा सो किया की कसौटी पर खड़े होकर जनता को ये बताया है कि उन्होंने पिछले साल साल बजट के दौरान किए गए अपने वादों को कितना निभाया, कौन-सी योजना पूरी हुई तथा कौनसी योजना कहां खड़ी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के अलावा आज देश में आज किसी भी सरकार में इतनी हिम्मत नहीं है कि वो आउटकम बजट पेश कर सकें।क्योंकि हम फाइलों और जुमलों के जाल में नहीं फंसाते, जो बोलते है उसे करके दिखाते है।
क्या है केजरीवाल सरकार का आउटकम बजट
जब सरकार किसी योजना की शुरुआत करती है और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर व पूंजीगत व्ययों के लिए धन आवंटित करती है तो ये आउटपुट होता है। लेकिन आउटकम से अभिप्राय उस योजना से लोगों को मिलने वाले लाभ से है। उदाहरण के लिए सरकार एक अस्पताल में एक एक्स-रे मशीन स्थापित करती है तो ये सरकार का आउटपुट है लेकिन उस मशीन के माध्यम से कितने लोगों की जाँच हुई ये उसका आउटकम है।