‘पदोन्नति’ से जुड़ी समितियों में एससी-एसटी सदस्य होने जरूरी, संसदीय पैनल ने की सिफारिश
New Delhi : संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने सिफारिश की है कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संगठनों की चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए।
समिति ने इन समुदायों के कर्मचारियों के हितों की देखभाल के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडल में भी एससी-एसटी के अधिकारियों की नियुक्ति की सिफारिश की है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर संसदीय समिति की रिपोर्ट संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई।
एससी-एसटी कर्मचारियों की शिकायतों का निवारण हो सके
समिति ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र राज्य सरकारों सहित विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संगठनों में एससी-एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों में एससी-एसटी के प्रतिनिधियों को शामिल करने की सिफारिश की। समिति ने संगठनों/निकायों/बैंकों के प्रबंधनों के साथ एससी-एसटी कर्मचारी कल्याण संघों की त्रैमासिक बैठकें बुलाने पर भी जोर दिया ताकि एससी-एसटी कर्मचारियों की शिकायतों का समय पर निवारण किया जा सके।
एससी-एसटी प्रतिनिधियों को शामिल करने की सिफारिश
संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संगठनों की चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए। बैंकों और संगठनों में एससी-एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों में एससी-एसटी के प्रतिनिधियों को शामिल करने की सिफारिश की।
तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकारों ने की सिफारिश
समिति ने तमिलनाडु और महाराष्ट्र राज्य सरकारों सहित विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और संगठनों में एससी-एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए चयन समितियों और विभागीय पदोन्नति समितियों में एससी-एसटी के प्रतिनिधियों को शामिल करने की सिफारिश की।
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