Indonesia Open: सात्विक-चिराग की जोड़ी ने रचा इतिहास, इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीता

भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विक साई राज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीत लिया है। मेंस डबल्स के फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने मलेशिया के आरोन चिया और सोह वुई यिक को 21-17, 21-18 से सीधे गेम में हराया। यह सात्विक और चिराग की जोड़ी का पहला सुपर 1000 वर्ल्ड टूर खिताब है।
मलेशिया की जोड़ी के खिलाफ 7 बार हारने के बाद सात्विक और चिराग को पहली जीत मिली है। आरोन चिया और सोह वुई यिक की जोड़ी पुरुष डबल्स की वर्ल्ड चैंपियन है।
वर्ल्ड रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज सात्विक और चिराग ने 43 मिनट तक चले मुकाबले में मलेशियाई जोड़ी को लगातार गेमों में मात दी. भारतीय जोड़ी ने फाइनल मैच 21-17, 21-18 से जीता. सात्विक और चिराग ने मलेशिया की इस जोड़ी के खिलाफ नौ मैचों में पहली बार सफलता हासिल की है।
सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने ये ख़िताब जीतकर कहा
“पिछले कुछ टूर्नामेंट्स से मुझे ट्रॉफी जीतने की अधिक भूख महसूस हो रही थी. हमने यह टूर्नामेंट जीत लिया है, और अगले हफ्ते हमारे पास एक और बड़ा टूर्नामेंट है. हम वापस जाएंगे और रीसेट करेंगे. लेकिन हम जिस तरह से खेले, उसे लेकर मैं अभी भी बहुत खुश हूं. यह एक नए दिन की तरह लग रहा था. लगा जैसे हम नए विरोधियों का सामना कर रहे हो.
हम हेड-टू-हेड में 8-0 से पीछे थे, लेकिन मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था. मैंने मन ही मन सोचा कि यह फाइनल है और दोनों टीमें दबाव में हैं. अगर हम अच्छा खेलेंगे तो हम ही जीतेंगे. पहले गेम में स्ट्राइक मिलने के बाद हम कंट्रोल में थे. मैंने खुद से कहा कि यह हमारा दिन है – घबराना नहीं है ये समझकर खेलना कि तुम कोई और फाइनल खेल रहे हो.”
मैच के बाद चिराग शेट्टी ने कहा
“उनके खिलाफ पहले के आठ मैचों में हम खुद को रोके रखते थे, लेकिन आज हम अपनी योजना पर कायम रहे और उसी के अनुसार खेले. हमें लगा कि वे भी इंसान हैं, खिलाड़ी हैं और उनसे भी गलतियां होंगी. हम अंत तक अपनी योजना पर टिके रहे और वास्तव में उन्हें कभी भी वापसी का मौका नहीं दिया.
“दूसरे गेम में जब उन्होंने कुछ पाइंट्स हासिल किए, तो भी हमने खुद को रोकने या सेफ खेलने की ज़रूरत नहीं महसूस की. इससे गेम थोड़ा स्लो हो जाता. ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो मौकों का फायदा उठाना जानते हैं. मैं वास्तव में खुश हूं और हमें वास्तव में इस जीत की जरूरत थी।”