Hariyali Teej 2024: कब है हरियाली तीज, जानें डेट, पूजा विधि और झूला झूलने का महत्व

Hariyali Teej 2024: कब है हरियाली तीज, जानें डेट, पूजा विधि और झूला झूलने का महत्व

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Hariyali Teej 2024: सनातन धर्म में प्रत्येक महीने की तृतीया तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से उपासक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष सावन महीने में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए इस दिन व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन महिलाएं झूला क्यों झूलती हैं, अगर नहीं जानते हैं तो, आइए जानते हरियाली तीज से जुड़ी परंपरा और धार्मिक मान्यता के बारे में-

कब है हरियाली तीज?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल सावन महीने मे आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त को शाम 7:52 बजे से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 7 अगस्त को रात 10:05 बजे होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 7 अगस्त को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा.

हरियाली तीज की पूजा विधि

  • हरियाली तीज के दिन प्रात: काल उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध हरे रंग के वस्त्र धारण करें।
  • घर में पूजा स्थल की साफ सफाई करें
  • इसके बाद पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • अब फिर व्रत का संकल्प लें।
  • चौकी पर थाली रख के मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं
  • इसके बाद पूजा की थाली तैयार करें और उसमें सुहाग का सामान रखें।
  • इस दौरान तीज की कथा सुनें।
  • अंत में देवी-देवताओं की आरती करें.

हरियाली तीज पर झूला झूलने का महत्व

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले देवी पार्वती ने रखा था. इस व्रत के बाद ही उन्हें भगवान भोलेनाथ उन्हें पति के रूप में प्राप्त हुए थे. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, सावन महीने के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने सबसे पहले राधा जी को झूला झूलाया था. उसी समय से सावन के दौरान झूला झूलने की परंपरा चली आ रही है. हरियाली तीज के दिन झूला झूलते समय मन्नत मांगने पर सीधे भगवाव श्री कृष्ण तक पहुंचती है. जो देर से ही सही लेकिन पूरी जरूर होती है।

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