
Gujarat News: गुजरात के मोरबी की रहने वाली एक किशोरी को एक महीने पहले ब्रेन हेमरेज हुआ. उसे इलाज के लिए राजकोट के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. वहां उसका ऑपरेशन हुआ. इसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. कुछ दिनों बाद उसे फिर से सांस लेने में और हार्ट में दिक्कत शुरू हो गई. आनन फानन में बिना देर किए परिजनों ने उसे राजकोट की ट्रस्ट संचालित बीटी सावनी अस्पताल के आईसीयू में एडमिट करवाया. तमाम कोशिशों के बाद उसे बचाया न जा सका. उस बेटी के परिवार वालों ने एक ऐसी मिसाल पेश की कि जिसे सुनकर हर कोई उन्हें सलाम कर रहा है.
वहीं दूसरी ओर इसी बीच हीर घेटिया (15) नाम की इस किशोरी का रिजल्ट आ गया. दरअसल बीती 11 मई को गुजरात बोर्ड ने दसवीं कक्षा का रिजल्ट जारी किया था. रिजल्ट आया तो परिवार उसे देख कर अपनी बेटी पर गर्व कर खुशी महसूस कर रहा था. वहीं दूसरी उनकी ईश्वर से अनवरत प्रार्थना थी कि उनकी बेटी जल्दी ठीक हो जाए, जिससे वो उसके साथ इस सफलता की खुशी मना सकें.
हीर ने 10वीं क्लास में 99.70% मार्क्स के साथ टॉपर विद्यार्थियों में अपनी जगह बनाई थी. उसने मैथ्स में 100 में से 100 अंक हासिल किए थे. वो एक डॉक्टर बनना चाहती थी. परिवार उसकी इस सफलता की खुशी सही से मना भी नहीं पाया था कि पता लगा कि हीर का ब्रेन 80 से 90 प्रतिशत तक डेड हो चुका है. 8 से 10 दिन तक डॉक्टर कोशिश करते रहे कि किसी तरह हीर की हालत में सुधार हो जाए लेकिन अब उसके हार्ट ने भी काम करना बंद कर दिया. बस यूं ही हीर ने 15 मई को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
एक परिवार को जो अपनी बेटी खोने के इतने बड़े सदमें से जूझ रहा था उसने अपनी बेटी के सपनों को इस तरह पूरा किया कि आज जो भी इसके बारे में सुनता है उसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता. दरअसल हीर के परिवारीजनों ने हीर की ऑंखें और ब़ॉडी आर्गन डोनेट किए और उसकी बॉडी को मेडिकल कॉलेज में आने वाले समय में डॉक्टर बनने वाले छात्रों को अभ्यास करने के लिए डोनेट कर दिया. परिवार के लोगों का कहना था कि हीर का डॉक्टर बनने का सपना तो पूरा न हो सका. लेकिन इसी तरह डॉक्टर बनने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वो उनकी पढ़ाई में मददगार साबित होगी.
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