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Delhi : कोविड वैक्सीन से हो रही युवाओं की अचानक मौत? संसद में सरकार ने बता दिया कारण

Delhi : कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर काफी सवाल उठते आए हैं क्योंकि इसके बाद से युवाओं की अचानक मौत या हार्ट अटैक की खबरें आई. अब सरकार ने इस पर जानकारी दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बीते दस दिसंबर को राज्यसभा में कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक स्टडी ने निर्णायक रूप से साबित किया है कि कोविड वैक्सीन से भारत में यंग एडल्ट्स में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा है, बल्कि इसके उलट इसकी आशंका कम हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को ये जानकारी दी।

47 अस्पतालों नें एक स्टडी की

जेपी नड्डा ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण पूर्व में अस्पताल में भर्ती होना, अचानक मौत की फैमिली हिस्ट्री और कुछ लाइफस्टाइल बिहेवियर के कारण अचानक मौत की आशंका बढ़ जाती है। जेपीनड्डा ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सूचित किया है कि बिते साल मई व अगस्त के दौरान 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों नें एक स्टडी की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि इस विश्लेषण में अचानक मृत्यु के कुल 729 मामलों और 2,916 ‘कंट्रोल’ शामिल किए गए. ये देखा गया कि कोरोना वायरस के टीके की कोई भी खुराक लेने से अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु की आशंका कम हो गई। कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक लेने से ऐसी मौत की आशंका काफी कम हो गई।

ये दवाएं क्वालिटी में फेल

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक व फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा तैयार की गई क्रमश: मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम और पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम की गोलियों के एक खास बैच को परीक्षण के दौरान ‘मानक गुणवत्ता रहित’ पाया गया।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि औषधि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दोनों ने ही मानक गुणवत्ता रहित एनएसक्यू स्टॉक वापस ले लिया है और उसकी जगह पर नया स्टॉक भेज दिया है।

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