Delhi NCR

दिल्ली की 5 ऐसी ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा जो आपको जरूर करनी चाहिए

Delhi : दिल्ली, ऐतिहासिकता और आधुनिकता का अद्भुत संगम है। यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के कारण न केवल भारतीय उपमहाद्वीप, बल्कि दुनिया भर में एक विशेष स्थान रखता है। दिल्ली का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है और इसने कई महान शासकों, साम्राज्यों और संस्कृतियों का विकास देखा है। मुग़ल साम्राज्य के समय में यहां बनी भव्य इमारतें, किले और मस्जिद आज भी अपनी आभा बिखेरती हैं और दिल्ली की ऐतिहासिक शान को दर्शाती हैं। तो आइए हम आपको कुछ ऐसे ही ऐतिहासिक इमारतों के बारे में बताते हैं जहां आपको जरुर घूमने जाना चाहिए।

1. लाल किला (Red Fort)

मुगल वास्तुकला द्वारा लाल बलुआ पत्थर से बना यह सुंदर किला, यात्रियों को आकर्षित करने वाला मुख्य स्थान है। यह बहुत-सी अलग-अलग तरह की जगह का संगम है। आपको इसमें संग्रहालय देखने को भी मिलेगा व पारंपरिक हस्तशिल्प और सजावटी सामान, कृत्रिम गहने आदि इसके मीना बाजार में जगमगाते हुए मिलेंगे। 1648 में शाहजहां के द्वारा आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करवाए गए इस ऐतिहासिक लाल किले को कारीगरों ने इतनी महीनता से इसका हर कोना उकेरा है कि तारीफ किए बिना आपसे रहा नहीं जाएगा। यहां आकर आप दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल से फोटो लेकर एक सुंदर नजारा अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं। शाम के वक्त यहां का लाईट व साउंड शो आपको बेहद पसंद आएगा। यह सबसे प्रसिद्ध दिल्ली पर्यटन स्थल है।

आपको बता दें कि यह किला 2007 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल बन गया और इसने दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित किया है।

2. इंडिया गेट

प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाए गए इंडिया गेट, जिसे अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है, इसका निर्माण 1921 में हुआ। इसे सर एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था। इस स्मारकीय संरचना पर 13,300 से अधिक सैनिकों के नाम अंकित हैं। इसमें अमर जवान ज्योति भी है जिसे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बनाया गया था। इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। आंखों को सुकून देने वाली इस संरचना की तुलना अक्सर फ्रांस के आर्क डी ट्रायम्फ, मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और रोम के आर्क ऑफ कॉन्स्टेंटाइन से की जाती है। यहां पर हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर एक भव्य परेड आयोजित किया जाता है।

3. कुतुब मीनार

दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1192 में इस खूबसूरत इमारत का निर्माण शुरू किया था। बाद में उनके उत्तराधिकारियों ने भी इस मीनार का निर्माण करवाया। बता दें कि कुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊंची व्यक्तिगत संरचना है। यह आकर्षक संरचना लौह स्तंभ और अलाई दरवाजा से भी घिरी हुई है। जब आप पूरे परिसर में घूमेंगे, तो आप मुगल वास्तुकला के जटिल डिजाइनों से चकित हो जाएंगे। आस पास हरियाली व पिकनिक स्थल के तौर पर भी लोग इसे बेहद पसंद करते हैं।

4. जामा मस्जिद

पुरानी दिल्ली की चहल-पहल के बीच स्थित जामा मस्जिद देखने लायक है। इसे ‘मस्जिद-ए-जहां-नुमा’ के नाम से भी जाना जाता है, इसे शाहजहां ने ताजमहल और लाल किला बनवाने के बाद बनवाया था। उस समय, इसके निर्माण में लगभग 1 मिलियन रुपए, 5,000 कर्मचारी और छह साल (1650-1656) लगे थे। वहीं ईद के पवित्र त्यौहार पर मस्जिद में आज भी हर साल हजारों तीर्थयात्री आते हैं। 25 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक प्रांगण जामा मस्जिद को देश की सबसे बड़ी मस्जिद बनाता है। यहां पर प्रवेश करने के लिए आपको किसी टिकट की जरूरत नहीं है। यह एकदम मुफ्त है, पर अगर आप कैमरा अंदर ले जाना चाहते है तो आपको शुल्क अदा करना पड़ेगा।

5. हुमायूं का मकबरा (Humayun’s Tomb)

शताब्दियों बाद भी अपनी सुंदरता बरकरार रखे हुए इस स्थान को हुमायूं की पत्नी हाजी बेगम ने बनवाया था। लाल पत्थर व संगमरमर के संगम से बना यह मकबरा भी मुगल वास्तुकला का प्रशंसनीय उदाहरण है। फारसी वास्तुकार मीराक मिर्जा घियाथ द्वारा डिजाइन किए गए इस मकबरे का निर्माण फारसी प्रभावों के साथ एक विशिष्ट मुगल वास्तुकला को दर्शाता है। बता दें कि हुमायूं के मकबरे को वर्ष 1993 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस मकबरे में एक खूबसूरत मुगल उद्यान भी है, जहां पर्यटक जाकर यहां की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को जान सकते हैं।

यह भी पढ़ें : गरियाबंद में मुठभेड़ जारी, 14 नक्सली ढेर, नारायणपुर में 8 नक्सलियों ने किया सरेंडर

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button