जेवर एयरपोर्ट का Code Name जारी, क्या है नामकरण का नियम?

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली उड़ान दिसंबर 2024 में शुरू हो सकती है. ये एयरपोर्ट दुनिया का चौथा और एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. जिसका तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है. इसी बीच ग्लोबल एयरलाइन बॉडी IATA ने इस एयरपोर्ट के लिए तीन अक्षर वाला एक कोड भी जारी कर दिया है. अब जेवर एयरपोर्ट को DXN कोड के नाम से जाना जाएगा.
क्या है नामकरण का नियम?
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) कोड जारी करते समय ए से जेड तक के तीन अक्षर इस्तेमाल करता है. कोई नंबर नहीं होगा, हाइफ़न नहीं होगा. इसका एकदम सेट फार्मूला नहीं है लेकिन सामान्य दशा में पहला अक्षर उस शहर को तथा अंतिम अक्षर उस एरिया को प्रतिबिंबित करता है. पहले शहरों के संक्षिप्त नाम से इसे तय करते थे, जो आज भी प्रचलित हैं. मसलन, बैंकॉक का कोड BKK और लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे का कोड LHR है।
हर एयरपोर्ट का अलग कोड
हर एयरपोर्ट का यह कोड अलग ही होगा, इसे दोहराया नहीं जा सकता. ऐसे में कई बार पहले और अंतिम अक्षरों में संभव है कि समानता न मिले. अपने देश में मुंबई का कोड BOM, बेंगलूरू का BLR, चेन्नई का MAA और कोलकाता का कोड CCU है. इसमें चेन्नई को उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है. जब यह कोड तय हुआ होगा तब चेन्नई मद्रास नाम से जाना जाता था. ऐसे में एयरपोर्ट कोड के मामले में मौजूद फाॅर्मूला मैच नहीं करेगा. इसलिए यह कोड हवाई यात्रा के लिए बहुत महत्वपूर्ण टूल है।