
Chandigarh : राज्य सरकार ने पंजाब के डिजिटल परिदृश्य की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत पंजाब सरकार राज्य सरकार की विभिन्न अनुप्रयोगों और वेबसाइटों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) स्थापित करेगी।
यह महत्वपूर्ण निर्णय पंजाब राज्य ई-गवर्नेंस सोसाइटी (PSeGS) की 19वीं बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता शासन सुधार और लोक शिकायत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने की। यह बैठक गुरुवार को MGSIPA में आयोजित की गई।
सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) 42.07 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होगा
SOC की स्थापना के साथ, जो 42.07 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होगा, पंजाब उत्तर भारत के अग्रणी राज्यों में से एक बन जाएगा, जिसमें उच्च स्तर की साइबर सुरक्षा क्षमताएं होंगी। डिजिटल युग में साइबर खतरे अधिक जटिल और व्यापक होते जा रहे हैं, इसलिए राज्य में एक सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) की आवश्यकता बढ़ रही थी। यह SOC वास्तविक समय में साइबर सुरक्षा घटनाओं की निगरानी, पहचान और प्रतिक्रिया करने में सक्षम होगा, जिससे राज्य की महत्वपूर्ण आईटी संरचना की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

इस बैठक के बाद, शासन सुधार मंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों (DCs) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक की, जिसमें नागरिक सेवा वितरण में सुधार के लिए प्रमुख शासन सुधारों और रणनीतियों पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि पंजाब में 538 सेवा केंद्र हैं और 438 सरकारी से नागरिक (G2C) सेवाएं निर्बाध रूप से दी जा रही हैं। राज्य ने नागरिक सेवा वितरण में लंबित मामलों की संख्या को 27% से घटाकर 0.17% से भी कम कर दिया है। उन्होंने अमृतसर, जालंधर और पठानकोट के DCs की सराहना की, जिन्होंने नागरिक सेवा वितरण में कम लंबित मामलों को बनाए रखा, और सभी DCs को निर्देश दिया कि वे जिला स्तर पर लंबित मामलों की नियमित निगरानी और समीक्षा करें, ताकि किसी भी रुकावट को दूर किया जा सके।
श्री अमन अरोड़ा ने DCs को आदेश दिया कि वे बार-बार विलंब करने वालों की पहचान करें, जो ठोस कारणों के बिना आवेदन को वापस भेज रहे हैं और अनावश्यक आपत्तियां उठा रहे हैं। उन्होंने लंबित आवेदन पर स्पष्ट आपत्ति टिप्पणियों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
शासन सुधार मंत्री ने लिया जायजा
शासन सुधार मंत्री ने सरपंचों, नमबरदारों और नगर काउंसिल (MCs) द्वारा ऑनलाइन आवेदन सत्यापन के महत्वकांक्षी और अग्रणी परियोजना का भी जायजा लिया। उन्होंने DCs को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी सरपंच, नमबरदार और MC इस महीने के अंत तक eSewa पोर्टल पर ऑनबोर्ड हो जाएं, ताकि नागरिकों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बार-बार कार्यालय में जाने की आवश्यकता न हो। आदेश दिया गया कि 1 फरवरी 2025 से सरपंचों, नमबरदारों और MCs द्वारा ऑफलाइन सत्यापन को रोक दिया जाएगा और केवल ऑनलाइन सत्यापन स्वीकार किए जाएंगे।
अध्यक्ष शासन सुधार श्री विकस प्रताप ने कैबिनेट मंत्री को आश्वासन दिया कि विभाग जनता को पारदर्शिता और दक्षता के साथ बिना किसी परेशानी के सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि नागरिक सेवा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता में सुधार हो सके।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्थानीय सरकार श्री तेजवीर सिंह, शासन सुधार निदेशक श्री गिरिश दयालन, विशेष सचिव राजस्व श्री हरप्रीत सुधन, अतिरिक्त सचिव स्कूल शिक्षा श्री परमिंदर पाल सिंह, सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक श्री मोहिंदर पाल, संयुक्त सचिव GAD श्री तेजदीप सैनी और विभिन्न राज्य सरकार विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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